अररिया /अरुण कुमार
अररिया के सिकटी में निर्माणाधीन पुल गिरने के मामले ने तुल पकड़ लिया है ।जिसके बाद सरकार ने कारवाई करते हुए तत्कालीन सहायक अभियंता अंजनी कुमार ,कनीय अभियंता मनीष कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।साथ ही संवेदक सिराजुर रहमान निवासी किशनगंज के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने व उसे काली सूची में डालने का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब हो की अररिया जिले के सिकटी प्रखंड अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से नव निर्मित पुल के धराशाई हो जाने के बाद विभाग सवालों के घेरे में है बावजूद इसके कार्यपालक अभियंता पुल गिरने का जिम्मेदार नदी को ही ठहरा रहें है ।बता दे की पुल का निर्माण लगभग 8 करोड़ रूपए की लागत से करवाया जा रहा था ।लेकिन मंगलवार को पकड़िया पुल देखते ही देखते धड़ाम हो गया ।
पुल का निर्माण सिराजूर रहमान के द्वारा करवाया जा रहा था। मिली जानकारी के मुताबिक 22/6/2022 को ही कार्य समाप्त हो जाना था लेकिन ,कार्य समाप्ति अवधि के दो साल बाद भी पुल का पूरी तरह निर्माण पूरा नहीं हुआ और पुल उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया। स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा बताया गया की राशि की ऐसी बंदर बांट विभाग और संवेदक के द्वारा की गई की देखते ही देखते पुल जमींदोज हो गया। मिट्टी भर रहे एक मजदूर ने बताया की जब पुल गिरा तो ऐसा प्रतीत हुआ की जैसे किसी ने बम फोड़ दिया हो।
ग्रामीणों ने कहा की खुले आम पुल के निर्माण में धांधली संवेदक के द्वारा की गई जिसका नतीजा हुआ की पुल गिर गया। विधायक विजय कुमार मंडल ने कहा की पुल का एप्रोच भी नही बना था और उससे पहले ही पुल गिर गया ।
विधायक ने संवेदक के खिलाफ मामला दर्ज कर सख्त कारवाई की मांग की है।वही कार्यपालक अभियंता आशुतोष कुमार रंजन अब बकरा नदी की प्रवृति को ही पुल गिरने की वजह बता रहे हैं।उनका कहना है कि नदी की वक्र प्रवृति पुल गिरने का कारण हो सकती है।
जबकि तस्वीर में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि घटिया सामग्री का इस्तेमाल पुल के निर्माण में किया गया। वही विभागीय मंत्री अशोक चौधरी के द्वारा उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया है जो की सात दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी ।देखने वाली बात होगी की बिहार की छवि को दागदार करने वाले अधिकारी और ऐसे संवेदक के खिलाफ आगे क्या कारवाई की जाती है। वही पूरे मामले पर संवेदक से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नही उठाया है ।