“बिहार की चाय” को मिली नई पहचान, व्यापार चिन्ह स्वीकृत

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“बिहार टी” का व्यापार चिन्ह स्वीकृत

किशनगंज/प्रतिनिधि

व्यापार चिन्ह रजिस्ट्री द्वारा बिहार की चाय “बिहार टी” का व्यापार चिन्ह को स्वीकृति मिल गई है। उल्लेखनीय है कि बिहार राज्य अंतर्गत लगभग 5600 हेक्टेयर में चाय की खेती की जाती है जिसमें किशनगंज जिला प्रमुख है।

किशनगंज जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला ने खुशी जाहिर करते हुए कहा की बिहार टी का व्यापार चिन्ह स्वीकृत हो जाने से बिहार की चाय को एक विशिष्ट पहचान मिली है और इसका लाभ किशनगंज जिला की चाय उत्पादकों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में किशनगंज जिला अंतर्गत अपार संभावनाएं हैं और वो कृषि एवम उद्योग विभाग के साथ मिलकर उसको साकार करने हेतु प्रयासरत है।

व्यापार चिन्ह व्यापार चिन्ह रजिस्ट्री अधिनियम 1999 के अंतर्गत व्यापार चिन्ह रजिस्ट्रार भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है । व्यापार चिन्ह रजिस्ट्रार का कार्यालय मुंबई महाराष्ट्र में स्थित है।


व्यापार-चिह्न एक ऐसा चिह्न है जिसका उपयोग किसी व्यवसाय में प्रयुक्त शब्द, नाम, कारण, लेबल या संख्या, या किसी अन्य व्यवसाय या सेवा से उत्पन्न अन्य समान वस्तुओं को अलग करने के लिए किया जाता है। एक पंजीकृत व्यापार-चिह्न व्यवसाय के लिए एक संपत्ति या बौद्धिक संपदा है और इसका उपयोग किसी ब्रांड या प्रतीक में कंपनी के निवेश की रक्षा के लिए किया जाता है।

बिहार की चाय को प्रोत्साहित करने हेतु सचिव, कृषि विभाग बिहार पटना द्वारा भी सभी कार्यालयों से बिहार राज्य अंतर्गत अवस्थित चाय उत्पादकों की चाय का प्रयोग करने हेतु अनुरोध किया गया है। बिहार राज्य अंतर्गत अवस्थित चाय उत्पादकों में रजवाड़ी टी किशनगंज इमरान टी एंड एग्रो फैक्ट्री किशनगंज डोंक टी किशनगंज एवं माला ग्रीन टी फैक्ट्री किशनगंज प्रमुख है।

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“बिहार की चाय” को मिली नई पहचान, व्यापार चिन्ह स्वीकृत

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