किशनगंज /प्रतिनिधि
आश्विन नवरात्र के पावन अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रशाखा बालूबाडी, कोचाधामन में प्रज्ञा आयोजन किया गया। गायत्री यज्ञ पुंसवन संस्कार सहित विभिन्न प्रकार के संस्कार संपन्न कराये गये।वरिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित रहकर शायमानंद झा वरिष्ठ प्रज्ञा पुत्र, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित ने दिव्य वातावरण में कार्यक्रम को सम्पन्न कराये ।
आयोजन के अपार भीड़ को सम्बोधित करते हुए श्यामानंद झा ने कहा नवरात्रि का महान पर्व में अपार सिद्धि को प्राप्त करने के लिए हमे जीवन में साधना करनी पड़ती है। उन्होंने कहा साधना ही वह माध्यम है जिसके माध्यम से ईश्वर का ऐश्वर्य मानवीय व्यक्तित्व में अभिव्यक्त होता है। अपार-सिद्धि को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा श्री दुर्गा जी की अष्ट भुजा आठ शक्तियों को अर्जित करने का संकल्प प्रतीक है। जैसे-शरीर बल, विद्या बल, चातुर्य बल, मनोबल, धन-बल, शास्त्रबल, शौर्यबल, एवं धर्मबल ।इन आठ शक्तियों को प्राप्त कर जनकल्याण, राष्ट्रकल्याण हेतु सकारात्मक रूप में प्रयोग करने की विधा को दुर्गा शक्ति की आराधना कहते हैं।
साधना की कोई भी सफलता श्रद्धा, निष्ठा एवं समर्पण के बिना संभव नहीं है। मात्र प्रतीक पूजन से जीवन सुगढ़ सुन्दर नहीं हो सकता। दुर्गा पूजा का अर्थ है बुराई पर अच्छाई का विजय प्राप्त करना तथा अपने को आदर्श मानव के रूप में निर्माण करना । दिव्य वातावरण में शांति पाठ के कार्यक्रम की पूर्णाहुति की गई।
सहयोगी के रूप में विपुल कुमार, अरुण कुमार सिंहा, खुशबू कुमारी, पंचानन सिंह, रवींद्र कुमार सिन्हा, सोंधारानी आदि सक्रिय रूप से उपस्थित रहा।