संसदीय इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन, ग़ुलामी मानसिकता से बाहर हुआ भारतीय लोकतंत्र, देशवासियों को समर्पित हुआ नई संसद भवन
नए संसद भवन से पूरा होगा नया अररिया बनाने का सपना, पहले दिन के पहले सत्र में मोदी सरकार ने नारी सशक्तीकरण से की शुरुआत
अररिया /बिपुल विश्वास
मंगलवार को गणेश चतुर्थी के मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देशवासियों को नया संसद भवन समर्पित किया गया, और नए संसद भवन में आयोजित पहले सत्र में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा नारीशक्ति वंदन अधिनियम को स्वीकृति दी गई। इस अधिनियम के तहत लोकसभा एवं विधानसभा में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होगी।
इस मौके पर सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने केंद्र सरकार की इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताते हुए, इसे नए भारत की नई शरुआत करार दिया।
सांसद ने बताया कि प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय लोकतंत्र आज गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल चुका है। देश का यह नया संसद भवन नए भारत की नई गाथा लिखेगा । मौजूदा दौर में यह हम सभी संसद सदस्यों के लिए गौरवान्वित कर देने वाला पल था, इसके लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का विशेष आभार व धन्यवाद व्यक्त करता हूँ।
वही सांसद प्रदीप ने नारीशक्ति वंदन अधिनियम को स्वीकृति को लेकर केंद्रीय कैबिनेट का धन्यवाद व्यक्त करते हुए बताया कि, नारी सशक्तिकरण के दिशा में लिया गया यह कदम नया भारत के निर्माण में बहुत बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। आज नारी को सम्मान के साथ सशक्त बनाने की जरूरत है। नारीशक्ति वंदन अधिनियम के तहत अब लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित होंगी।