पोठिया(किशनगंज)इरफान
पोठिया प्रखंड में काली पूजा को लेकर श्रद्धा और भक्ति का माहौल व्याप्त है।दीपावली त्योहार को लेकर रविवार सन्ध्या तैयारी अंतिम चरण पर दिखी।वहीं प्रखंड क्षेत्र के सभी काली मंदिर को रंगाई-पोताई कर दुल्हन की तरह सजाया गया है।कस्वाकलियागंज पंचायत स्थित तैयबपुर में मां काली पूजा को लेकर लोगों में खासा उत्साह का माहौल देखा जा रहा है।तैयबपुर स्थित मां काली मंदिर का एक अलग इतिहास है।
सार्वजनिक काली मंदिर तैयबपुर में पिछले 132 वर्षों से लगातार मां काली की भव्य प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है।यहां काली पूजा के अवसर पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।स्थानीय लोगों के अनुसार महानंदा के किनारे अवस्थित सार्वजनिक काली मंदिर तैयबपुर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक है।यहां जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नतें मांगते हैं।मां काली उनकी मनोकामना जरूर पूरी करती है।भक्तों की सारे कष्ट मां काली हर लेती है।यहां 1890 से एक फूंस का घर बनाकर मां काली की पूजा-अर्चना होती आ रही है।जिला पार्षद सह मंदिर कमेटी के अध्यक्ष निरंजन राय,अनिल चौधरी,मदन पांडेय,वार्ड सदस्य गौतम कुमार यादव बताते हैं कि ग्रामीणों के सहयोग से यहां मन्दिर का जीर्णोद्धार 100 वर्ष बाद 1990 में भव्य मंदिर का निर्माण किया गया।अब सार्वजनिक काली मंदिर तैयबपुर परिसर में राधा कृष्ण,शिव पार्वती के भी मंदिर हैं।
बताते चलें कि सार्वजनिक काली मंदिर तैयबपुर मे मां काली की प्रतिमा हर वर्ष अमावस्या को स्थापित की जाती है। पुरानी मुर्ति को पास के महानंदा नदी में विसर्जन किया जाता है।काली पूजा के अवसर पर श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का भी वितरण होता है।इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।काली पूजा के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए स्थानीय स्तर पर कमेटी के सदस्यों सहित पुलिस बल भी रहते हैं। श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हो ग्रामीण इसका भरपूर ख्याल रखते हैं। श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध पेयजल आदि की व्यवस्था भी की जाती है।