• मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर नि:शुल्क चिकित्सकीय परामर्श शिविर आयोजित
• हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर मरीजों को किया गया जागरूक
गोपालगंज /प्रतिनिधि
भागदौड़ भरी जिंदगी में अनियमित जीवनशैली के कारण थकान होना आम बात है। शरीर की थकान जब शारीरिक बीमारी का कारण बनती , तो हम दवाओं या अन्य उपायों के जरिए ठीक हो जाते हैं। वहीं, मानसिक थकान हमें मानसिक तौर पर बीमार कर सकती है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद ने सदर अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य जांच शिविर के उद्घाटन करते हुए कही। उन्होने कहा कि मानसिक तौर पर अस्वस्थ होने की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता। कई बार पढ़ाई या काम के बोझ, रिश्ते में दरार, करियर को लेकर हमारी चिंता हमें तनाव देती है और यह लंबे समय तक रहा तो डिप्रेशन यानी अवसाद में तब्दील हो सकता है। ऐसे में मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। इस अवसर पर सदर अस्पताल स्थित मानसिक स्वास्थ्य केंद्र और जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर परामर्श शिविर सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद, एसीएमओ डॉ. केके मिश्रा, एनसीडीओ डॉ. संजय कुमार सिंह, डीपीएम धीरज कुमार, उपाधीक्षक डॉ. एसआर प्रसाद, डॉ. रत्नेश्वर पांडेय, डीपीसी जयंत चौहान समेत अन्य मौजूद थे।
तनावग्रस्त जीवनशैली एवं बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाना :
मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक जयंत कुमार चौहान ने बताया कि तनावग्रस्त जीवनशैली एवं बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इसके प्रति जागरूकता पैदा करने और इससे बचने के उपायों पर विचार करने के उद्देश्य से पूरे विश्व में ”अंतर्राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस” मनाया जाता है। इस अवसर पर जनमानस में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता एवं चिकित्सकीय परामर्श शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस दौरान अस्पताल में आने वाले मरीजों को मानसिक तनाव से बचने के बारे में जानकारी दी जायगी तथा विशेष रूप से उनकी काउंसिलिंग की जाएगी ।
24×7 घंटे उपलब्ध है नि:शुल्क मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श की सुविधा:
आमजनों को मानसिक तनाव से दूर रखने व इससे बचाव के लिए कई प्रयास किये जा रहे है। स्वास्थ्य विभाग के 24×7 मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। टॉल फ्री नंबर- 104 पर डायल कर मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श ले सकते है। इसके अलावा नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर परामर्श की सुविधा उपलब्ध है।
ये लक्षण दिखें तो लें सलाह
• स्पष्ट रूप से सोचने और दैनिक कार्यकलापों को करने में कठिनाई
• बार-बार एवं गलत, नकारात्मक विचारों का आना
• आदत, मन एवं एकाग्रता में अचानक परिवर्तन का होना
• वैसी चीजों को देखना और सुनना जो आस-पास मौजूद नहीं हो
• आत्महत्या का विचार आना अथवा आत्महत्या करने का प्रयास करना
• क्रोध, भय, चिंता, अपराध बोल, उदासी या खुशी की लगातार अनुभूति
• बिना चिकित्सीय सलाह के औषधियों का अत्यधिक सेवन