बिहार में “चाय की खेती के जनक” डॉ राजकरण दफ्तरी के कार्यों को उद्यान निदेशालय ने सराहा,जानिए पूरी खबर 

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बिहार /डेस्क

 बिहार में चाय की खेती का शुभारंभ कर सीमावर्ती किशनगंज जिले को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलवाने वाले डॉक्टर राजकरण दफ्तरी को कृषि विभाग, उद्यान निदेशालय,बिहार द्वारा बड़ा सम्मान प्रदान किया गया है ।मालूम हो की विभाग ने उनके सम्मान में अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट साझा करते हुए उन्हे किशनगंज में चाय का जनक बताते हुए कहा की 1993 में किशनगंज के पोठिया प्रखंड में उन्होंने 5 एकड़ क्षेत्र में चाय की खेती की शुरुआत की थी, साथ ही छोटे छोटे किसानों को जागरूक कर उन्हे खाली एवं उपयोगी भूमि पर चाय की खेती के लिए प्रोत्साहित किया ।

जिसका नतीजा है की आज 2500 एकड़ की भूमि पर चाय की खेती हो रही है ।जिससे प्रतिवर्ष 2 लाख मीट्रिक टन चाय की पत्ती उत्पादित हो रही है और दस चाय प्रसंस्करण इकाई कार्यरत है ।उद्यान निदेशालय द्वारा मिले सम्मान के बाद श्री दफ्तरी ने विभाग का आभार जताया है । उन्होंने कहा की यह सिर्फ उनका नही बल्कि जिले में चाय की खेती करने वाले सभी किसानों का सम्मान है ।गौरतलब हो की बिहार का किशनगंज जिला एकमात्र जिला है जहा चाय की खेती होती है और इससे बड़े पैमाने पर लोगो को रोजगार मिला है और यह इसका श्रेय डॉ दफ्तरी को जाता है। वही चाय के जनक की उपाधि से सम्मानित किए जाने पर पर जिलेवासियों और चाय किसानों में हर्ष का माहौल है और सभी ने उन्हें बधाई प्रदान की है ।

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बिहार में “चाय की खेती के जनक” डॉ राजकरण दफ्तरी के कार्यों को उद्यान निदेशालय ने सराहा,जानिए पूरी खबर 

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