शहर के तेरापंथ भवन में हुआ कई कार्यक्रमों का आयोजन
नेपाल,बिहार ,बंगाल से पहुंचे तेरापंथ धर्मसंघ के अनुयायी
किशनगंज /सागर चन्द्रा
तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या साध्वी संगीतश्री जी का शनिवार को कैलटेक्स चौक स्थित तेरापंथ भवन में मंगल प्रवेश हुआ। साध्वी संगीत श्री जी और सहयोगी तीन साध्वियां मुदिताश्री,श्री शांति प्रज्ञा,श्री कमल विभा हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी पदयात्रा कर सिलचर(अपर आसाम)से किशनगंज पहुंची।आगामी 4 माह तक किशनगंज में उनका प्रवास रहेगा। इसके बाद फिर से पदयात्रा कर अन्य क्षेत्र की ओर प्रस्थान करेंगी।

बताते चलें कि इन चातुर्मास की अवधि में हरियाली का मौसम रहता है।हरियाली के मौसम में सूक्ष्म कीट, कीड़े,मकोड़े,जीव जंतु सबसे ज्यादा होते हैं। पदयात्रा के दौरान जीव हत्या के दोष से बचने के लिए जैन साधु साध्वियां इन 4 माह में पदयात्रा नही करते। इस अवधि में किसी एक क्षेत्र में प्रवास कर जैन साधु-साध्वियां गृहस्थों को जप-तप,ध्यान-योग के माध्यम से आध्यात्मिक विकास की प्रेरणा देते है।

बताते चलें कि शनिवार सुबह साध्वी श्री संगीतश्री व सहयोगी साध्वियां शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए जुलूस के रूप में तेरापंथ भवन पहुंचे।इस जुलूस में सैकड़ों की संख्या में विभिन्न धर्म, संस्थाओं के लोग शामिल रहे।कटिहार, पूर्णिया, दालकोला, अररिया, फारबिसगंज, रायगंज, इस्लामपुर, सिलीगुड़ी, विराटनगर, भट्ठाबाजार, गुलाबबाग आदि कई क्षेत्रों के तेरापंथ धर्मसंघ के अनुयायी भी इस दौरान मौजूद रहे। मंगल प्रवेश के बाद तेरापंथ भवन में एकत्रित समाज के बीच साध्वियों का अभिनंदन विभिन्न गितिकाओं, नाट्यों व वक्ताओं ने अपने वक्तव्यों से किया।

बीएसएफ ने भी अभिनंदन कार्यक्रम में अपनी सहभागिता रखी। स्थानीय तेरापंथ सभाध्यक्ष विमल दफ़्तरी, महासभा संरक्षक डॉ राजकरण दफ़्तरी, महिला मंडल अध्यक्षा संतोष देवी दुग्गड़, तेयुप अध्यक्ष अमित दफ़्तरी,सुनील दफ्तरी, संजय बैद, दिगम्बर जैन समाज से त्रिलोकचंद जैन, डॉ मोहनलाल जैन, चैनरुप दुगड़, नगरपरिषद उपाध्यक्ष आंची देवी जैन, नेमीचंद बैद, वीरेंद्र संचेती, विनीता दफ़्तरी, रूपचंद कोठारी,उपासिका प्रभा सेठिया, नरेंद्र बैद, नवरत्न बेंगानी, सुशील संचेती, नवरत्न दुगड़,सीमा बैद, अजय सिंह बैद, बुधमल संचेती, मनीष दफ़्तरी, हर्षिला छोरियां, लता बैद, दिनेश पारीक, कमल कोठारी,बजरंगलाल पारीक, किशनलाल उपाध्याय, राजेश श्यामसुखा सहित कई अन्य लोग मंगल प्रवेश कार्यक्रम में उपस्थित थे। मंगल प्रवेश के बाद उपस्थित समाज के बीच अपने प्रवचन के दौरान साध्वी श्री संगीत श्री जी ने कहा-आज का अभिनंदन मेरा नही,भारतीय संस्कृति का है!तप-त्याग का है!महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी का है। उन्होंने कहा कि साधु संतों का आगमन नवसृजन का आगमन होता है।अतीत वर्तमान व भविष्य तीनो काल साधु संतों के आगमन से सफल हो जाते हैं। हमे त्याग-तप के सौरभ को महकाना है।