किशनगंज /विजय कुमार साह
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ऐतिहासिक स्थल बेणुगढ़ टीला में शुक्रवार को वैशाखी पर्व के अवसर पर आयोजित मेला में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सभी बाबा बेणु महाराज के मंदिर में पूजा अर्चना की। यहां बाबा बेणु महाराज को ग्राम देवता के तौर पर पूजा जाता है। ग्राम देवता बाबा बेणु महाराज के मंदिर में बलि देने एवं मिठाई चढ़ाने की परंपरा है। वैशाखी पर्व के अवसर पर जुटी श्रद्धालुओं की उमड़ी दोपहर के बाद और अधिक बढ़ गई।
पोखर के उत्तरी किनारे पर स्थापित शिव मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने जल अर्पित किया। इस मौके पर जनप्रतिनिधियों ने भी पहुंच कर मंदिर में मन्नत मांगी। मेला में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए पूजा कमेटी की ओर से धूल से राहत के लिए पानी पटवन की व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं के लिए पंडाल कुर्सियां आदि का इंतजाम किया गया था। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन चौकस रही। कोरोना के कारण विगत वर्ष मंदिर में पूजा तो हुई थी, लेकिन मेला का आयोजन नहीं हुआ था।
परंतु इस वर्ष भी प्रशासन मेला के आयोजन को लेकर सख्त थी। आस्था से जुड़े बाबा बेणु महाराज के भक्तों को यहां आने से पुलिस प्रशासन रोक नहीं पाई। बेणुगढ़ टीला में मेला का आयोजन होने से स्थानीय लोगों में खुशी है। स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं कि यह स्थान महाभारत काल में राजा बेणु का गढ़ था। निकट में ही नृत्यशाला गांव है। जहां अर्जुन नृत्यकला का प्रशिक्षण दिया करते थे। बेणुगढ़ का टीला अभी भी विद्यमान है। इसके चारों ओर ईंट की दीवार है, जो खंडहर में तब्दील हो गई है। एक विशाल पोखर किनारे बाबा बेणु महाराज का मंदिर है। यहां लोग संतान प्राप्ति की मनोकामना व चुनाव में जीत की मंशा, विवाह समारोह के लिए वर-वधु की मन्नतें मांगने आते हैं। मुराद पूरी होने पर चढ़ावा करने श्रद्धालु यहां पहुंचेहैं। परंतु सरकार की उपेक्षा के कारण पर्यटन स्थल का दर्जा अबतक नहीं मिल पाया और न ही पुरातत्व विभाग द्वारा उत्खनन किया गया।



