बिहार दिवस में जिला पदाधिकारी ने दीप प्रज्वल्लित कर की पोषण परामर्श केंद्र की शुरुआत
कुपोषण दूर करने के लिए पोषणयुक्त पौधे लगाये जा रहे है ।
किशनगंज :जिलावासियों को पोषण की सही जानकारी देने और उन्हें पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए (आईसीडीएस) द्वारा बिहार दिवस के अवसर पर असफाक उल्लाह खान स्टेडियम में मुख्य समारोह में स्टाल लगाकर लोगो को जानकारी दी गयी । इस दौरान प्रखंड से लेकर ग्रामीण स्तर तक विभिन्न तरह की गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए आईसीडीएस व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलायी जा रही है। इसी क्रम में जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के द्वारा दीप प्रज्वल्लित कर स्टाल में पोषण परामर्श केंद्र की शुरुआत की गयी | जिला पदाधिकारी ने बताया की बच्चों में दुबलापन तथा महिलाओं एवं बच्चों में एनीमिया हमारे लिए चुनौती है| इसमें सुधार लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं| हम सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को पोषण पर जागरूक कर सकते हैं| साथ ही एनीमिया की समस्या को कम करने के लिहाज से उचित पोषण का विशेष महत्व है|

कार्यक्रम के दौरान लोगों को पोषण संबंधी जानकारी देने के लिए स्टाल में विभिन्न कार्यक्रमों जानकारी दी गयी । इस दौरान रंगोली भी बनाई गयी जिससे पोषण का सन्देश दिया जा सके | उक्त समारोह में जिलाधिकारी के साथ आईसीडीएस डीपीओ कवी प्रिया , सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर , जिला कार्यक्रम समन्वयक विस्वजित कुमार , पोषण अभियान जिला समन्यवक मंजूर आलम , प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना के जिला समन्यवक सहबाज आलम , सभी सीडीपीओ, अन्य महिला पर्यवेक्षिका उपस्थित रहे।
गर्भवती महिला को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर की गई गोद भराई की रस्म :
पोषण परामर्श केंद्र के स्टाल में जिलाधिकारी द्वारा गर्भवती महिलाओं का गोदभराई की रस्म भी की गयी। मंगल गीतों से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया और गर्भवती महिला को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली दी गई है। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल थे। महिलाओं को उपहार स्वरूप पोषण की थाली भी भेंट की गयी। जिसमें सतरंगी व अनेक प्रकार के पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल थे। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर गोदभराई रस्म पूरी की गई। वहीं, सभी महिलाओं को अच्छी सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई। इस सम्बंध में जिलाधिकारी ने बताया की सितंबर माह प्रतिदिन सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषण को दूर करने के लिए पोषण के पांच सूत्र तैयार किये गये हैं। पहला सुनहरा 1000 दिन, डायरिया प्रबंधन, पौष्टिक आहार, स्वच्छता एंव साफ-सफाई, एनिमिया प्रबंधन शामिल है। इन पांच सूत्रों से कुपोषण पर लगाम लगाने की तैयारी की गयी है।
जिला पोषण परामर्श केंद्र की शुरुआत :
मौके पर पुलिस अधीक्षक डॉ एनामुल हक़ मेग्नु के द्वारा बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन भी किया गया |जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने पोषण पुनर्वास केंद्र में का भी जायजा लिया जहा लोगों को पोषण सम्बन्धी विषयों पर जानकारी दी जा रही थी । इसमें लोगों को महिलाओं और शिशुओं के सही समय में सही पोषण दिए जाने की जानकारी दी गयी । लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना एवं कन्या उत्थान योजना की भी जानकारी दी गयी ताकि सभी लोग इन योजनाओं का लाभ उठा सकें।
प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना की दी गई जानकारी:
उक्त कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना के जिला समन्यवक सहबाज आलम के द्वारा महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की भी जानकारी में बताया की प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना द्वारा सभी महिलाओं को पहली बार मां बनने पर तीन किस्त के माध्यम से 5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके लिए राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान विशेष कैंप का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसमें लाभुकों को दूसरे एवं तीसरे किस्त का भुगतान भी किया जा रहा है।
कुपोषण दूर करने के लिए पोषणयुक्त पौधे लगाये जा रहे है
उक्त कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम कवी प्रिय ने जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश को बताया की जिले में खाद्य वानिकी पोषण युक्त पौधों के माध्यम से प्रत्येक केंद्र पर बेल, जामुन, आंवला, पपीता, खजूर, अमरूद, सहजन, अनार आदि में से कम से कम 4 पौधों को लगाया जा रहा है| आंगनबाड़ी केंद्र एवं पोषक क्षेत्र में प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र जहां पौधे लगाने के लिए स्थान की उपलब्धता हो एवं जहां जगह हो वहां कुछ प्रमुख पौधे जैसे सहजन, पपीता, अमरूद, नींबू का पौधरोपण किया जाना है|