कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):
जिले का स्वास्थ्य विभाग नित्य नए कारनामे को लेकर सुर्खियों में रहता है। कैमूर जिले के भभुआ के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता ने स्वास्थ्य महकमा पर 8 लाख 30 हजार रूपये की सरकारी राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है, और इस मामले में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई का मांग किया है ।
दरअसल कैमूर जिले के भभुआ के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता उज्जवल चौबे ने बताया कि सदर अस्पताल भभुआ के तत्कालीन डीपीएम ऑफिस से 10 हजार कॉटन रोल का आर्डर भेजा गया था। जिसका बिल कंपनी ने 8 लाख 90 हजार रूपये भेजा था । जिसका भुगतान 21 जुलाई 2013 को कॉटन टेस्टिंग चार्ज कटौती कर 8 लाख 30 हजार 664 रूपये का भुगतान कर दिया गया। लेकिन 13 नवंबर 2013 को ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा सैंपल लेकर बिहार ड्रग कंट्रोल लैबोरेट्री पटना को जांच के लिए भेजा गया तो 23 नवंबर 2013 को विभाग द्वारा जांच में जिले को प्राप्त कॉटन को अवमानक घोषित कर दी गई।

जहां औषधि निरीक्षक द्वारा अपने पत्रांक 354 में 27 दिसंबर 2014 को तत्कालीन सिविल सर्जन भभुआ को तत्काल प्रभाव से वितरण करने और किए गए वितरण को वापस लेते हुए उस एजेंसी से राशि की वसूली करने को कहा गया। लेकिन औषधि निरीक्षक द्वारा दी गई प्रस्ताव पर कार्यालय द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई और भंडार पंजी में 870 रोल कॉटन पड़ा रह गया। अवमानक कॉटन भंडार गृह में पड़े रहने से सरकार को 8 लाख 30 हजार रूपये की हानी हुई।
वित्तीय वर्ष 2013-14 का मामला रहते हुए साल 2022 आ गया लेकिन इसी तरह भंडार गृह में यह अवमानक कौटन अभी पड़ा हुआ है। इस पर न तो उस कंपनी पर कोई कार्रवाई की गई और ना ही उस कंपनी से राशि वसूल की गई। इस तरह से सरकार को चूना लगाया गया है और सरकारी राशि का दुरुपयोग हुआ है। हम चाहते हैं इस मामले में जो भी दोषी अधिकारी हैं उनके ऊपर कारवाई हो और राशि की वसूली विभाग सुनिश्चित करें ।
वही कैमूर सिविल सर्जन डॉ. मीना कुमारी ने बताया मेरे संज्ञान में मामला नहीं है आपके द्वारा बताया जा रहा है मैं जांच करवाती हूं ।
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