किशनगंज :लक्ष्य योजना के तहत चयनित सदर अस्पताल के केन्द्रीयकृत लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए क्षेत्रीय कोचिंग टीम ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने प्रसव कक्ष और ऑपरेशन थियेटर का जायजा लिया। टीम ने एक-एक बिंदु पर जांच की । वहां मौजूद डॉक्टर व कर्मियों को बेहतर कार्य के लिए सुझाव भी दिया गया। इस क्रम में टीम ने प्रसव कक्ष व ऑपरेशन थियेटर में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली । क्षेत्रीय कोचिंग टीम के क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया कि योजना के तहत चयनित अस्पताल की तीन स्तर पर रैंकिंग की जाती है। सदर अस्पताल की जांच पहले जिला एवम् राज्यस्तरीय टीम करती है। फिर केंद्र स्तरीय टीम जांच करती है। विदित हो की सदर अस्पताल को राज्यस्तरीय लक्ष्य प्रमाणीकरण प्राप्त हो चुका है । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्रीय दल ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान दल ने भारत सरकार के लक्ष्य योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया।
केंद्रीय टीम द्वारा भौतिक निरीक्षण कर कुल 8 इंडिकेटरों की जांच की जाएगी :
क्षेत्रीय प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया कि सदर अस्पताल में संस्थागत प्रसव की दर में पहले की अपेक्षा काफ़ी बढ़ोतरी हुई है। क्योंकि लक्ष्य कार्यक्रम को पूरी तरह से धरातल पर उतारा गया है । लक्ष्य योजना के तहत प्रमाणीकरण के लिए 362 मानकों (इंडिकेटर) की जांच की जाती है । जिसमें मुख्य रूप से सर्विस प्रोविजन, रोगी का अधिकार, इनयूट्रस सपोर्ट सर्विसेज, क्लीनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट, आउटकम शामिल हैं । इन सभी आठों इंडिकेटर्स का कुल 362 उपमानकों पर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं शल्य कक्ष का लगभग 6 से 9 महीनों तक लगातार क्वालिटी सर्किल (संस्थान स्तर पर), ज़िला कोचिंग दल (ज़िला स्तर पर) एवं क्षेत्रीय कोचिंग दल द्वारा लगातार पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण कर आवश्यकता अनुसार सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है ।प्रशिक्षण के बाद अस्पताल का भौतिक निरीक्षण किया जाता और यह देखा जाता है कि प्रशिक्षण लेने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा कार्य किया जा रहा है या नहीं। साथ ही उपरोक्त आठों इंडिकेटर्स के अनुरूप पंजी का संधारण व नियमानुसार समुचित ढंग से रखा जाता है या नहीं।
तीन स्तर पर रैंकिंग :
प्रसूति कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के माध्यम से किया जा रहा है। उसके बाद ही एनक्यूएएस पर 70% अंक प्राप्त करने वाली प्रत्येक सुविधा को लक्ष्य प्रमाणित सुविधा के रूप में प्रमाणित किया जाएगा। इसके अलावा एनक्यूएएस स्कोर के अनुसार लक्ष्य प्रमाणित सुविधाओं की ब्रांडिंग की जाएगी। 70 से 80 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को सिल्वर की श्रेणी में रखा जाता जबकि 81 से 90 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को गोल्ड की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं 91 से 100 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को प्लेटिनम की श्रेणी में रखा जाता । इन सभी को श्रेणियों को प्रशस्ति पत्र व प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि दी जाती है ।
प्रसव रूम एवं अन्य सुविधाओं की आरपीएम के नेतृत्व में गहन जांच:
सदर अस्पताल के लक्ष्य प्रमाणीकरण को प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया कि सुरक्षित प्रसव के लिए उपलब्ध संसाधनों के उपयोग के बारे में स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह के आवश्यक फाइलों , अस्पताल के अधिकारियों व कर्मियों से लक्ष्य प्रमाणीकरण से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। लेबर रूम से संबंधित फाइलों की अद्यतन जानकारी ली गई। इसके लिए जीएनएम को बेहतर कार्य करने की जिम्मेदारी भी दी गई है। लक्ष्य कार्यक्रम का मूल उद्देश्य यह होता है कि प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह की सुविधाओं को सुदृढ़ बनाना और इससे जुड़ी हुई सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के बाद जच्च बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से लक्ष्य प्रमाणीकरण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके तहत प्रसव कक्ष, मैटरनिटी सेंटर, ऑपरेशन थियेटर व प्रसूता के लिए बनाये गए एसएनसीयू की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
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