चंदन मंडल / खोरीबाड़ी
विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा कल शनिवार को मनाई जाएगी। इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। सिलीगुड़ी शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सरस्वती पूजा की तैयारी जोरों पर है। इसको लेकर भव्य और आकर्षक पूजा पंडाल बनाए गए हैं।बारिश होने के बावजूद स्कूली बच्चों और युवकों का उत्साह देखा गया। सुबह से ही युवक और बच्चे मां सरस्वती की प्रतिमा अपने पूजा पंडाल की तरफ ले जाते रहे। हालांकि इस बार शुक्रवार को हुए बारिश के कारण पूजा में रौनक फीकी पड़ सकती है, लेकिन छात्रों में पूजा को लेकर एक गजब का उत्साह देखा जा रहा है। खबर लिखे जाने तक मां सरस्वती की पूजा के लिए हर जगह तैयारी कर रहे थे । पूजा के लिए श्रद्धालु आकर्षक पंडाल व केले के थम तैयार कर देवी की प्रतिमाएं स्थपित करने के लिए सजा रहे थे ।
बताते चलें कि वसंत पंचमी के विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। सरस्वती पूजा कर रहे श्रद्धालुओं का कहना है कि इसी दिन शब्दों की शक्ति मनुष्य की झोली में आई थी। पूजा को लेकर नक्सलबाड़ी व खोरीबाड़ी के ग्रामीण क्षेत्रों के शैक्षणिक प्रतिष्ठानों में मां सरस्वती की मूर्तियां रखी गई है । पंडालों को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहे हैं । पंडालों में भव्य रोशनी के लिए लाइट से लगाए गए है। वातावरण भक्तिमय हो गया है। समाजिक दूरी का पालन करते हुए कई पूजा पंडालों के पास कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। मान्यता है कि मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से बुद्धि और ज्ञान का वरदान मिलता है। माता सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और शिल्प-कला की देवी माना जाता है।
लोग ज्ञान प्राप्ति और सुस्ती, आलस्य एवं अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए, बंसत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की उपासना करते हैं। इस दिन शिक्षा आरम्भ का भी विधान है। इस दिन को श्री पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। वही पूजा की तैयारी में जुटे छात्र विष्णु साह, एजाज सेख , रविन शर्मा , विष्णु साह , विकास महतो आदि बताते हैं कि सरस्वती पूजा का इंतजार हम लोगों को साल भर से रहता है। पूजा नजदीक आते ही मन में काफी उत्साह भर जाता है। वहीं दूसरी सुबह से ही सर्द हवा के साथ शरीर को गला देने वाली ठंड व बारिश के बावजूद बाजार में भी काफी चहल पहल रही। प्रसाद व फलों की दुकानें छात्रों की भीड़ से उमड़ी रही।
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