-कोविड संक्रमित व्यक्ति में सीटी वैल्यू 25 से कम होने पर की जा सकेगी ओमीक्रोन की जांच
•कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को दिया निर्देश
•जिले में प्रतिदिन 8000 लोगों की सैंपल जांच करने का दिया निर्देश
जिले में कोरोना के कुल 09 एक्टिव मामले हैं।
किशनगंज /प्रतिनिधि
संक्रमण का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है। इधर कोरोना एक नए वैरियंट के रूप में सामने आ रहा है जो औऱ भी ज्यादा खतरनाक है। इससे बचाव का सबसे बेहतर उपाय है कि सभी लोग टीकाकरण के साथ मास्क लगा कर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया जिले में अब तक कुल 11.21 लाख लोगों की कोरोना जांच हो सकी है। प्रतिदिन 5000 जांच हो रही है , कुल जांच में 10294 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है तो 10212 लोग संक्रमण से जुड़ी चुनौती को मात देकर पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं।
वहीं बीते 24 घंटे के दौरान जिले में कोरोना संक्रमण के 5 नये मामले सामने आये हैं। जिले में कोरोना के कुल 09 एक्टिव मामले हैं। कोरोना के तीसरे वेब ओमीक्रोन की जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। सिविल सर्जन ने बताया कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह के जारी पत्र के आलोक में जिले में प्रतिदिन 8 से 9 हजार जांच करने का निर्देश दिया गया है । जिले के कोविड केयर सेंटर में स्थित आरटीपीसीआर जांच केंद्र प्रथम चरण में आईसीएमआर के गाइडलाइन के अनुसार खरा उतरा है । वहीं ओमीक्रोन को लेकर कार्यपालक निदेशक के द्वारा सिविल सर्जन का आवश्यक दिशा निर्देश दिया है ।
जारी पत्र में बताया गया है कि आरटीपीसीआर जांच में संक्रमित पाए जाने वाले मरीज जिनका सीटी वैल्यू 25 या 25 से कम है वैसे लोगों का जीनोम सीक्वेंस के लिए भेजा जाएगा। आरटीपीसीआर जांच में संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों की संख्या का 5% सैंपल ओमीक्रोन की जांच के लिए भेजा जाए ताकि जिससे ओमीक्रोन की पुष्टि की जा सकेगी। उन्होंने बताया कोविड वायरस का पता लगाने के लिए सीटी काउंट बेहद जरूरी होता है। सीटी का अर्थ होता है साइकिल थ्रेशहोल्ड।
यह वायरस की मात्रा को जांचने का एक पैमाना है जो विशेषज्ञों द्वारा तय किया गया है। कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव या निगेटिव है यह सीटी काउंट के आधार पर ही तय होता है। कोविड वायरस से व्यक्ति संक्रमित है या नहीं इसके लिए सैंपल की सीटी वैल्यू चेक की जाती है। कोविड टेस्ट में सीटी वैल्यू दी जाती है। सीटी वैल्यू कोरोना वायरस के संक्रमण की जानकारी प्रदान करती है। इसी के जरिए मरीजों को पता चलता है। अगर मरीज की सीटी वैल्यू कम होती है तो मरीज की स्थिति बेहद गंभीर होती है। वहीं अगर सीटी वेल्यू थोड़ी ज्यादा होती है तो उसकी स्थिति को गंभीर नहीं माना जाता।
कोविड-19 से घबराए नहीं, सावधानियाँ अपनाकर करें सामना :-
सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया कोविड-19 से डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि, डटकर इनसे सामना करना चाहिए। इसे मात देने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति और धैर्य होना जरूरी है। इससे कोई भी व्यक्ति आवश्यक इलाज के साथ कोविड-19 को मात दे सकता है। उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्हें कोविड-19 संक्रमित होने की जानकारी मिली तो कुछ पल के लिए घबराये। किन्तु, फिर सोचे हम ही घबरा जाएंगे तो सामान्य लोगों का क्या होगा। इसी सोच ने उनके अंदर एक नई ऊर्जा भर दी और हम इसी साहस के साथ खुद को आइसोलेट करते हुए घर से ही अपने काम के साथ अपना ख्याल भी रख रहे हैं। साथ ही आमजनों से अपील भी की है कि 45 वर्ष के ऊपर के जिले के सभी व्यक्ति टीका अवश्य लगवाएं । क्यूंकि कोविड 19 के टीके संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए जरूरी हैं। क्योंकि यह शरीर में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी का निर्माण कर प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और संतुलित रखने में सहायक है। जिससे संक्रमित होने की आशंका कम हो जाती है। हालांकि संक्रमण चक्र को तोड़ने के लिए सभी का वैक्सीनेटेड होना जरूरी है । उन आयु वर्ग को जैसी बुजुर्ग को जरूर से टीका लेना चाहिए जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है ।
जिले में कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है :
जिलाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने बताया टीकाकरण के समय कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराया जा रहा है। किशोरों के लिए टीकाकरण की शुरुआत की गयी है । साथ टीकाकरण केंद्रों पर अधिक भीड़ ना हो इसको देखते हुए टीकाकरण केंद्र की संख्या बढ़ाई गई है। जिले में अब तक कुल 18+ के 8.55 लाख प्रथम डोज तथा 5.99 लाख लोगो को दूसरी डोज दी गयी है । कोविड-19 के पॉजिटिव मरीजों को 24 घंटे चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चिकित्सकों व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। जिले के ट्रामा सेंटर में आपातकालीन 06 क्रियाशील वेंटिलेटर उपलब्ध हैं तथा जिले के 03 कोविड केयर सेंटर में एक साथ कुल 526 शय्या बेड की व्यवस्था की गयी है। जहां बेड के साथ , ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता, आवश्यक औषधि एवं उपकरण की उपलब्धता, साफ सफाई की व्यवस्था, खानपान की व्यवस्था, चिकित्सक एवं पारा मेडिकल कर्मियों के रोस्टर की उपलब्धता, सीसीटीवी की उपलब्धता, आवश्यक सैनिटाइजेशन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है ।
Post Views: 132