पटना –: पत्रकारों की सामाजिक सुरक्षा की दिशा में बिहार सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के पात्र पत्रकारों को ₹15,000 मासिक पेंशन और दिवंगत पत्रकारों के पति/पत्नी को ₹10,000 मासिक पेंशन देने का निर्णय लिया है। यह सफलता वॉयस ऑफ मीडिया जैसी अंतरराष्ट्रीय पत्रकार संगठन के दो वर्षों के लगातार संघर्ष और अथक प्रयासों का परिणाम है।
वर्ष 2023 से वॉयस ऑफ मीडिया बिहार में इस मांग को लेकर सक्रिय थी। सरकार को बार-बार निवेदन पत्र सौंपे गए, पत्रकार सम्मेलनों का आयोजन किया गया, बैठकों और आंदोलनों के माध्यम से इस मुद्दे को बार-बार शासन के समक्ष उठाया गया। संगठन ने बिहार के हजारों पत्रकारों की वास्तविक समस्याओं को प्रामाणिक रूप से सरकार तक पहुँचाया। अब इस निर्णय के लागू होने से पत्रकारों और उनके परिवारों को आर्थिक सहारा मिलेगा, साथ ही यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मार्गदर्शक साबित हो सकता है।
इस ऐतिहासिक निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए वॉयस ऑफ मीडिया के संस्थापक एवं अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप काळे ने कहा:
“यह निर्णय केवल बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के पत्रकारों के लिए प्रेरणा देने वाला है। पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, और उनके योगदान को देखते हुए उन्हें सामाजिक सुरक्षा मिलना अत्यंत आवश्यक है। वॉयस ऑफ मीडिया द्वारा बिहार में दो वर्षों तक चलाए गए संघर्ष का यह परिणाम है। अब हम इस मॉडल को देश के अन्य राज्यों में भी लागू कराने की दिशा में काम करेंगे।”
वॉयस ऑफ मीडिया वर्तमान में 52 देशों में सक्रिय है और इसके 4 लाख 70 हजार से अधिक पत्रकार सदस्य हैं। संगठन पत्रकारों के अधिकारों, प्रशिक्षण, कल्याणकारी योजनाओं, ग्रामीण पत्रकारों के सशक्तिकरण और पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर निरंतर कार्यरत है।
इस आंदोलन में नेतृत्व करने वाले वॉयस ऑफ मीडिया बिहार राज्य कार्यकारिणी, ज़िला प्रतिनिधियों और स्थानीय पत्रकारों का विशेष रूप से अभिनंदन किया जा रहा है। उनके समर्पण और एकजुटता से ही यह ऐतिहासिक उपलब्धि संभव हो पाई है।
अब वॉयस ऑफ मीडिया इस पेंशन मॉडल को महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी लागू करवाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विशेष अभियान शुरू करने जा रही है।