सानिया और रौशनी पायलट बनना चाहती हैं
जोशना मरांडी दसवीं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की है नर्स बनने की इच्छा रखती है
सेल्यूट है बिहार की ऐसी शिक्षिका को
किशनगंज /प्रतिनिधि
बिहार के किशनगंज जिले के अत्यंत सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय सुहागी की शिक्षिका है कुमारी निधि। जो आए दिन बच्चों को नवाचारों से जोड़े रखती हैं।
केवल पठन-पाठन ही नहीं बल्कि सामाजिक कुरीतियों को भी दूर कर रही है निधि। सुंगंती राम, नन्दनी पासवान, जोशना मरांडी, सानिया बेगम, रोशनी बेगम जैसी दर्जनो बच्चियों के पढाई की ज़िम्मेदारी ले चुकी है निधि। एक समय था जब मात्र छठी कक्षा में ही इन बच्चियों के विवाह की तैयारी कर रहे थे इनके घरवाले।
तब निधि ने इनके परिवार को कई बार समझाया। और फिर स्वयं जिम्मेदारी ले ली इन बच्चियों के पढाई की। जोशना मरांडी जो अभी दसवीं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई है बताती है कि मेरे पिता बचपन मे ही चल बसे। घर की जिम्मेदारी माँ पर थी। परिवार वालो ने कहा बिटिया की शादी करवा के मुक्त हो जाओ। तभी मैंने निधि मेडम से सम्पर्क किया और उनको सारी बात बताई। फिर क्या था मेडम ने मेरी माँ को समझाया और मेरी पढाई की जिम्मेदारी स्वयं ले ली।
आज दसवीं की कक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई हूँ। और आगे नर्स बन कर मेडम को दिखाउंगी। वहीं शिक्षिका बनने के सपने देखने वाली नन्दनी और सुगन्ती की भी यही कहानी है।
सानिया और रौशनी की माँ बताती है मेरी दोनो बेटियों की ज़िंदगी बदल दी निधि मेडम ने। जहां कक्षा पाँच में उनके विवाह की तैयारी की जा रही थी आज वही बेटियां पुर्णिया के एक छात्रावास में रह कर पढाई कर रही हैं। जिसका श्रेय निधि मेडम को जाता है। इस प्रकार एक दो नहीं दर्जनो कहानियां हैं जो आँखे नम कर जाती हैं।
निधि कहती है हमारा यह इलाका आज भी बेटियों की पढाई के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है मुझसे जितना बन पड़ता है मैं करती हूँ। और आगे भी मैं बेटियों की पढ़ाई के लिए सदैव ततपर रहूंगी। बहरहाल हमारी टीम ने जब बच्चियों से बात की तो वाकई उनकी स्थिति देख कर और कहानी सुन कर हृदय ने कहा ऐसी शिक्षिकाओं को सेल्यूट है।