फारबिसगंज /बिपुल विश्वास
फारबिसगंज सहरसा रेलखंड पर ट्रेन परिचालन की मांग तेज पकड़ने लगी है। पिछले 15 सालों से वर्षों के बाद सहरसा-फारबिसगंज रेलखण्ड और करीबन 89 वर्षों के बाद दरभंगा-फारबिसगंज रेलखण्ड ट्रेन परिचालन के लिए तैयार है।सीआरएस निरीक्षण सहित अन्य औपचारिकता पूरी होने के बावजूद ट्रेनों का परिचालन अब तक शुरू नही हो पाया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण इस इलाके में रेल सेवा के मामले में विकास कोसों दूर हैं. इस रूट के अंतिम चरण में नरपतगंज से फारबिसगंज के बीच के आमान परिवर्तन के कार्य का 11 जनवरी 2023 को ही सीआरएस निरीक्षण किया गया था। जिसके बाद सीआरएस के द्वारा 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति भी दी गयी थी.
विगत मंगलवार को फारबिसगंज जंक्शन पर डीआरएम कटिहार का निरीक्षण था। निरीक्षण के बाद प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि इस रूट पर ट्रेन चलाना ईसी रेलवे का काम है।ईसी रेलवे को हमलोगों ने कनेक्टिविटी दे दी है, हमलोग के तरफ से कार्य पूर्ण है। ईसी रेलवे के द्वारा प्रस्ताव भेजा गया है।रेलवे बोर्ड से जब अनुमति मिलेगा, परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। लोगों में सीआरएस निरीक्षण के तीन माह बाद भी परिचालन शुरू नहीं होने के वजह से उनका उत्सुकता अब आंदोलन का रूप लेता नजर आ रहा है।
रेलवे विभाग के इस सुस्त रवैये के वजह से सेकड़ों युवाओं के द्वारा जोर-शोर से 16 अप्रैल को सुबह 10 बजे से दिन के 1 बजे तक उक्त रेलखण्ड पर अविलंब रेल परिचालन चालू करने के मांग को लेकर के ट्विटर ट्रेंडिंग का कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसको लेकर युवाओं के द्वारा #रेलसेवाचालू_करो के साथ अधिक-से-अधिक ट्वीट करने की अपील की जा रही है। वहीं कार्यक्रम के लिए युवाओं का जनसंपर्क अभियान काफी जोर शोर से चल रहा है और उनको बड़े-बड़े सामाजिक लोगों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है।
संघर्ष समिति से जुड़े सदस्यों ने बताया कि अगर सरकार ट्विटर ट्रेंडिंग अभियान के बाद भी परिचालन शुरू नहीं करवाएगी तो आंदोलन के अगली कड़ी में विभिन्न स्टेशनों पर धरना जैसे कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। आंदोलन में सुपौल, सहरसा, अररिया, दरभंगा, मधुबनी, मधेपुरा, पुर्णिया सहित बिहार के सैकड़ो लोग लगे हुए है।
इस रेलखण्ड पर परिचालन शुरू करने हेतु पूर्व मध्य रेल के द्वारा सहरसा से ललितग्राम व दरभंगा से झंझारपुर तक चलने वाली डेमू का विस्तार फारबिसगंज तक, जोगबनी से सहरसा और जोगबनी से दानापुर के लिए नई ट्रेन चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड नई दिल्ली को उसी समय भेजा गया। जहां लोगों में सहरसा से फारबिसगंज के बीच 15 वर्षों के बाद परिचालन शुरू होने का इंतज़ार है तो वहीं इससे दरभंगा से फारबिसगंज रेलखण्ड भी 89 वर्षों के बाद जुड़ जाएगा।सामरिक दृष्टि से दरभंगा से फारबिसगंज के बीच ट्रेन परिचालन शुरू होने से पूर्वोत्तर की दिशा के लिए एक नया मार्ग खुल जाएगा। नेपाल से सटे इस रेलखण्ड का आपात स्थिति उपयोग किया जा सकता है।