युवा किसान प्रशांत किसानों के लिए बने प्रेरणा श्रोत, कंप्यूटर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर गांव में करते हैं बागवानी

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किसानी से प्रशांत कुमार चौधरी ने लिखी नई इबारत ।  दिल्ली में कंप्यूटर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर गांव में बागवानी कर रहे हैं प्रशांत । युवाओं के लिए बने प्रेरणा का श्रोत ।देखे कटिहार से रितेश रंजन की खास रिपोर्ट 

कटिहार/रितेश रंजन

एक तरफ जहां आज लोगों का खेती किसानी से मोहभंग हो रहा है वही कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के खेरिया ग्राम निवासी प्रशांत कुमार चौधरी की अनूठी किसानी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।शिक्षित व युवा प्रशांत कुमार चौधरी ने अपने मेहनत काबिलियत से किसानी को एक नया आयाम दिया है। इस अनूठी किसानी के चलते कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र समेत कटिहार और पूर्णिया व अन्य जिलों में इनकी खेती की चर्चा होने लगी है।

आधुनिक व विविधता भरी उनकी खेती को देख कृषि वैज्ञानिक भी दांतो तले उंगली दबा लेते हैं।बता दे की एमआईटी की डिग्री प्राप्त श्री चौधरी दिल्ली में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की नौकरी करते थे लेकिन वो नोकरी छोड़कर अपने गांव लौट आए और गांव में ही अपने 15 एकड़ जमीन में बागवानी करने लगे।

मालूम हो की उनके बागवानी में कई प्रकार के फल फ्रूट के पौधों के अलावा चंदन का पेड़, मोहगनी व अगर वुड का पेड़ भी है। श्री चौधरी किसानी को पूजा मानते हैं।वो अपने 15 एकड़ जमीन पर बागवानी करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके बागवानी में कई प्रकार के अमरूद, निम्बू, पपीता, सेव, इलायची, संतरा, कॉफी,आम, जपानी लीची, काली मिर्च, काली हल्दी, लॉन्ग, इंडियन चंदन,अगर वुड, महोगनी, आदि लगे हुए हैं।

सबसे बड़ी बड़ी खासियत इनकी बागवानी में यह है कि यहां मियां जाकी नामक आम का पौधा भी लगा हुआ है। जो मियां जाकी आम इंटरनेशनल बाजार में दो लाख रुपये से ठाई लाख रुपया किलो बिकता है। और सबसे बड़ी बात इनकी खेती और बागवानी में यह है कि यह अपने फसलों में रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करते हैं यह ऑर्गेनिक खाद का ही इस्तेमाल करते हैं। किसान श्री चौधरी बताते हैं कि वे खेती के लिए अन्य किसानों को भी जागरूक करते हैं।

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