शुक्रवार को जिले में डेंगू का मिला पहला मरीज
स्वास्थ्य विभाग कर्मियो में मचा हड़कंप
किशनगंज /सागर चन्द्रा
डेंगू ने जिले में दस्तक दे दी है। शुक्रवार को जिले में डेंगू का पहला मामला सामने आया है। डेंगू का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के बीच हड़कंप मच गया है। विभाग के द्वारा युद्धस्तर पर डेंगू की रोकथाम के लिए तैयारियां की जा रही हैं। ताकि समय रहते इस पर काबू पाया जा सके। बहरहाल शहर के तेघरिया निवासी मरीज को सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती कर उसका इलाज प्रारंभ कर दिया गया है।
क्या कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
डेंगू का पहला मामला सामने आने के बाद अस्पताल उपाधीक्षक डा.अनवर हुसैन ने कहा कि डेंगू को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि डेंगू के लक्षण सात दिन के अंदर स्पष्ट होने लगते हैं। दर्द, उल्टी, बुखार, आंखों के पीछे दर्द होना इसके विशेष लक्षण हैं। दर्द से बुखार आ जाता है, जिसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। एक व्यक्ति के बुखार से संक्रमित होने पर इसका खतरा अन्य लोगों को भी होता है। जमा हुए पानी में मच्छर का लार्वा पनपता है। इस कारण घर में कूलर व गमला में पानी न जमा होने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब बरसात का मौसम खत्म होने वाला है। कुछ दिनों में सर्दियों का मौसम शुरू हो जाएगा। इस दौरान जो बीच का मौसम है, उसमें सतर्कता बरतने की जरूरत है। ये मौसम डेंगू के अनुकूल होता है। घर के आसपास सफाई रखना चाहिए। जलजमाव नहीं होने दें। मच्छर के पनपने का कोई का भी रास्ता नहीं छोड़ें। ऐसा करने से डेंगू के साथ मच्छरों से होने वाली अन्य बीमारियों से भी बचाव होगा।
डेंगू के लक्षण:
तेज बुखार, बदन, सिर, आंखों के पीछे व जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे व चकते का निशान, नाक मसूढ़ों या उल्टी के साथ रक्तस्राव और काला पैखाना होना।
डेंगू से बचाव के उपाय
दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहने या मच्छर भगाने वाली दवा या क्रीम का प्रयोग करें, टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी, गमला, फूलदान में और घर के अंदर व आस-पास पानी नहीं जमने दें, जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें या कीटनाशी दवाओं का छिड़काव करें।
क्या है तैयारी:
डीएस ने बताया कि डेंगू एक जानलेवा बीमारी है। सतर्कता से ही इस रोग से बचा जा सकता है। लेकिन इस बीमारी से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। डेंगू को लेकर सदर अस्पताल अलर्ट मोड में है। सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड के दो कमरों को डेंगू वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। दोनों कमरे में 10 बेड की व्यवस्था की गई है। साथ ही मच्छरदानी व दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। मरीज के इलाज के लिए आवश्यक उपकरण और ऑक्सीजन की भी समुचित व्यवस्था कर ली गई है। बीमारी से लड़ने और मरीज की रक्षा के लिए सदर अस्पताल पूरी तरह से तैयार है।