डॉ. कलाम कृषि महाविद्यालय, अर्राबारी, किशनगंज में 16-22 अगस्त 2025 तक गाजरघास उन्मूलन जागरुकता सप्ताह का आयोजन प्राचार्य डा० जितेन्द्र प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक दिन अलग-अलग प्रकार की क्रिया-कलाप किया जा रहा है। इस दौरान वैज्ञानिकगण, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राओं ने अपने कैम्पस में गाजर घास उखाड़ा और इसके समूल नष्ट का संकल्प लिया। वैज्ञानिकों ने गाजर घास से होने वाले विभिन्न गंभीर बीमारियों एवं फसल उत्पादन पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी।
गाजर घास एक शाकीय पौधा है जो किसी भी वातावरण में तेजी से उगकर मानव एवं प्रकृति के सभी जीवों के लिए गंभीर समस्या है। इसे कांग्रेस घास, सफेद टोपी, चटक चांदनी आदि नामों से भी पहचाना जाता है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी एवं सह-प्रभारी डा० मुकुल कुमार, डा० लव कुमार एवं डा० अनुभी द्वारा सफलतापूर्वक संचालित किया गया।
इस आयोजन से न केवल गाजर घास के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि इसके उन्मूलन के लिए भी प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।