टेढ़ागाछ पशु चिकित्सालय में घोर लापरवाही, खुले दरवाजे के पीछे सन्नाटा, डॉक्टर व कर्मी नदारद

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टेढ़ागाछ/विजय कुमार साह

टेढ़ागाछ प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय में सोमवार को इलाज और दवाइयों के लिए सुबह 11:30 बजे कई पंचायतों से पशुपालक अपने मवेशियों को लेकर पहुँचे। अस्पताल का गेट तो खुला मिला, लेकिन डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी नदारद थे।झाला पंचायत के चरघरिया वार्ड 9 के मोहम्मद साबिर आलम और खनियाबाद पंचायत के लालपानी गांव वार्ड 4 के मोहम्मद हफीज ने बताया कि उन्होंने दो घंटे तक (1:30 बजे तक) डॉक्टर और कर्मियों का इंतजार किया।

लेकिन कोई नहीं आया। मोहम्मद हफीज ने कहा कि सरकार भले ही यह दावा करे कि सभी पशु अस्पतालों में दवाइयाँ उपलब्ध हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत बिल्कुल उलट है। पशुपालकों ने बताया कि क्षेत्र में मवेशियों में कई तरह की बीमारियाँ फैल रही हैं।

लेकिन पूरे प्रखंड की लगभग 3 लाख की आबादी मात्र एक ही पशु चिकित्सालय पर निर्भर है। सीमावर्ती इलाकों के पशुपालक बार-बार परेशान होते हैं, लेकिन विभाग की उदासीनता बरकरार है। पशुपालकों ने सरकार और जिला प्रशासन से अविलंब जांच कर जिम्मेदार डॉक्टर व कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, फिर भी इसका लाभ ज़मीनी स्तर तक नहीं पहुँच पा रहा।

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