लिटिल क्लाउड स्कूल में शिक्षा के साथ अब रणनीति
लिटिल क्लाउड स्कूल में शतरंज की चालें सीखते नन्हें उस्ताद
शतरंज अब सिर्फ खेल नहीं, बौद्धिक विकास का सशक्त माध्यम बन चुका है — और इसी सोच को साकार करने के लिए शुक्रवार को लिटिल क्लाउड इंग्लिश मीडियम स्कूल, रोलबाग में ‘चेस-इन-स्कूल’ शतरंज प्रशिक्षण कार्यक्रम की जोरदार शुरुआत हुई। अंतरराष्ट्रीय शतरंज संस्था फिडे द्वारा तैयार की गई इस योजना को जिला शतरंज संघ के तत्वावधान में उसके लर्निंग पार्टनर चेस क्रॉप्स द्वारा संचालित किया जा रहा है।
कार्यक्रम की शुरुआत में विद्यालय के निदेशक एवं संघ के उपाध्यक्ष सुजॉय मिश्रा के आमंत्रण पर इस अभिनव योजना को विद्यालय में लागू किया गया। संघ के मानद महासचिव शंकर नारायण दत्ता और आयोजन सचिव व फिडे इंस्ट्रक्टर कमल कर्मकार ने संयुक्त रूप से जानकारी दी कि इस योजना के तहत छात्रों को नियमित, संरचित और पेशेवर शतरंज प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।
श्री दत्ता ने बताया कि यह गर्व की बात है कि बिहार के पहले और जिले के इकलौते फिडे इंस्ट्रक्टर श्री कर्मकार की देखरेख में यह कार्यक्रम प्रारंभ हुआ है। श्री कर्मकार ने बताया कि शतरंज की बारीकियों को सिखाने के लिए जिले के वरिष्ठ प्रशिक्षक एवं संघ के संयुक्त सचिव निरोज़ खान को नियमित प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पहले ही दिन प्रशिक्षण में करीब 100 छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर दिखा दिया कि नई पीढ़ी इस खेल में कितना उत्साहित है। भाग लेने वाले नन्हे उस्तादों में औसतन 7 वर्ष केअभिजॉय पाल, आदित्य दीप, रिया साव, श्रीराम, विराज सिंह, अनुभा मंडल, सर्वजीत घोष, अनुराज, ऐशा झा, इम्तियाज एस के, जॉनी मंडल, आयुषी बिश्नोई, खुशी मीणा जैसे नाम प्रमुख रहे।
प्रभारी प्रशिक्षक निरोज़ खान ने बताया कि प्रशिक्षण कार्य को सफल बनाने में विद्यालय की प्राचार्या बबीता कुमारी और शिक्षकों– मोना कुमारी, रोहिणी शर्मा, सुदीप्ता मुखर्जी, कमल सरकार, रजनी मिश्रा समेत पूरी टीम का विशेष योगदान रहा। इस अभिनव पहल न सिर्फ विद्यालय में नई ऊर्जा का संचार किया बल्कि यह भी साबित कर दिया की शतरंज अब स्कूल शिक्षा का अभिन्न अंग बनता जा रहा है।