किशनगंज/प्रतिनिधि
जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सुरेश कुमार सिंह की अदालत ने शनिवार को दोहरे हत्याकांड के एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सुरेश कुमार सिंह की अदालत ने अबुल कलाम 55 वर्ष, मोहम्मद रफीक आलम 23,जाफिर आलम 25, सालेहा खातून चांदी निवासी को हत्या के आरोप में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
साथ-साथ 50 – 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।अदालत में अपर लोक अभियोजक सुरेन प्रसाद साहा ने सजा की बिंदु पर जोरदार दलीलें पेश की। इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पुख्ता सबूत और गवाहों के बयान प्रस्तुत किए।जांच में सामने आया कि आरोपी अबुल कलाम ने पुरानी रंजिश के चलते अपने भाई और भतीजा की हत्या की साजिश रची और उसे अंजाम दिया।
अभियोजन के अनुसार, घटना की पृष्ठभूमि में पारिवारिक विवाद और संपत्ति को लेकर55 लंबे समय से चली आ रही तनातनी थी। गवाहों के बयानों और फोरेंसिक साक्ष्यों ने आरोपियों के अपराध को साबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि हत्या जैसे जघन्य अपराध के लिए कठोर सजा आवश्यक है, ताकि समाज में कानून का भय बना रहे।यह फैसला किशनगंज में चर्चा का विषय बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कानूनी कार्रवाई जरूरी है। पुलिस और प्रशासन ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है।