-पोषाहार से संबंधित प्रदर्शनी लगाकर लोगों को किया गया जागरूक
-पौष्टिक आहार खाने के लिए किया गया जागरूक
किशनगंज /प्रतिनिधि
जिले की समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) द्वारा सुपोषित भारत – साक्षर भारत –सशक्त भारत की थीम पर पूरे सितंबर माह में अलग-अलग गतिविधियों के जरिए पोषण माह मनाते हुए पोषण पर जागरूकता बढ़ाई गयी है । इस बार के पोषण माह में एनीमिया प्रबंधन पर जोर के साथ ही 6 माह तक शिशु के लिए सिर्फ़ स्तनपान एवं इसके बाद अनुपूरक आहार की जरूरत पर भी ध्यान दिया गया है । इस दौरान लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक करने एवं पोषण से संबंधित जागरूकता लाने के उद्देश्य से जिले के इनडोर स्टेडियम में पोषण मेला का आयोजन किया गया।
उक्त मेला को संबोधित करते हुए आईसीडीएस की डीपीओ जया मिश्र ने बताया कि पूरे सितंबर माह को आईसीडीएस द्वारा पोषण माह के रूप में मनाया गया है।
इस दौरान जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को गर्भवती महिलाओं, बच्चों को समय पर जरूरी पोषण के उपयोग करने की आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई गयी । इसके लिए आमलोगों के बीच रैली, प्रभात फेरी व साइकिल रैली का आयोजन किया गया और आमलोगों के साथ पोषण शपथ कार्यक्रम एवं हस्ताक्षर अभियान का भी आयोजन किया गया ।पोषण मेला का विधिवत उद्घाटन जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने किया। कार्यक्रम में एडीएम, डीपीओ आईसीडीएस, एनसीडीओ,सभी सीडीपीओ , महिला पर्यवेक्षिका सहित आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका के अलावा आमजन उपस्थित हुए।
पूरे सितंबर माह में “पोषण भी और पढ़ाई भी” पर रहा जोर:
–राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक मंजूर आलम ने बताया कि जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री एवं आईसीडीएस की डीपीओ जया मिश्र के दिशा – निर्देश के आलोक में 11 से लेकर 16 सितंबर तक पोषण भी, पढ़ाई भी विषय के तहत विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गये ।
इस दौरान गृहभ्रमण 0-3 व 3-6 साल के बच्चों के पोषण व प्रोत्साहन से संबंधित परामर्श व अभिभावकों के बीच बच्चों के पालन-पोषण व विकास से संबंधित गतिविधियों का प्रदर्शन सभी कार्यक्रम आंगनबाड़ी केंद्र, प्रखंडों और विद्यालयों में किया गया है । साथ ही 18 से 23 सितंबर तक राज्य के सभी जिले, प्रखंड, आंगनबाड़ी केंद्र और समुदाय के बीच मिशन लाइफ के माध्यम से पोषण स्तर में सुधार हेतु जागरूकता एवं गृह भ्रमण के तहत 6 माह से ऊपर के बच्चों को ऊपरी आहार में घर में आसानी से बनने वाले आहार में खाद्य विविधता को शामिल करने हेतु परामर्श दिया गया है ।
वहीं 20 से 30 सितंबर के बीच विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गये जिसमें मेरी माटी, मेरा देश अभियान, एनीमिया प्रबंधन पर परीक्षण, उपचार,परामर्श और चर्चा का आयोजन किया गया है। इसके अलावा जनजातीय क्षेत्रों में पोषण संवेदीकरण हेतु उन्मुखीकरण व परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त सभी कार्यक्रम जिला, प्रखंड, विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित किए गये हैं।
पोषाहार से संबंधित प्रदर्शनी लगाकर लोगों को किया गया जागरूक-
जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि विगत 01 से लेकर 30 सितंबर तक चलने वाले पोषण माह के अंतर्गत विभिन्न तरह के आयोजन कर पोषण को लेकर जागरूक किया गया। इसी बीच स्थानीय इंडोर स्टेडियम में पोषण मेला का आयोजन किया गया। जिसमें पोषण से संबंधित जानकारियां और पोषाहार से संबंधित प्रदर्शनी लगाकर लोगों को जागरूक किया गया। सेविकाओं द्वारा इससे होने वाले फायदों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। गोदभराई रस्म तथा अन्नप्राशन के संबंध में विस्तृत रूप से लाभार्थियों के बीच चर्चा की गई।
पोषण जागरूकता रथ से पौष्टिक आहार खाने के लिए किया गया जागरूक –
आईसीडीएस की डीपीओ जया मिश्रा ने बताया कि जिले में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के द्वारा पोषण रथ को रवाना किया गया था । जिसमे पूरे पोषण माह के दौरान लोगों तक पोषण के प्रति जागरूकता लाने के लिए विभिन्न प्रकार के जागरूकता अभियान का संचालन किया गया है । उन्होंने बताया कि पोषण माह की गतिविधियों के रूप में गर्भावस्था, शैशवावस्था, बचपन और किशोरावस्था के दौरान पोषण की उपयोगिता पर जागरूक किया जाना मुख्य उद्देश्य है। सभी गतिविधियों के दौरान “सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत” थीम के साथ लोगों को उपयुक्त पोषण की जानकारी दी गई। जिसका उपयोग करते हुए लोग स्वस्थ जीवन का लाभ उठा सकते हैं। साथ ही सदर अस्पताल, जिला प्रोग्राम कार्यालय परिसर, प्रखंड कार्यालय परिसर में पोषण परामर्श केन्द्रों को संचालित किया गया है ।
जिससे जन-समुदाय को सेवाएं प्रदान की जा सके। पोषण परामर्श डेस्क के माध्यम से मां-बच्चे और संपूर्ण परिवार के पोषण से संबंधित दुविधाओं का निराकरण किया जाएगा। जिसमें छह वर्ष तक के बच्चों की प्रारंभिक देखभाल और शिक्षा संबंधी गतिविधियों की जानकारी, मुख्यमंत्री कन्या उथान योजना एवं प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना की जानकारी दी गई। उपयुक्त स्तनपान अभ्यासों पर सभी गर्भवती और धात्री माताओं के साथ उनके परिजनों को आमंत्रित कर उन्हें उचित परामर्श दिया गया।