बहादुरगंज /किशनगंज
बिकास के दौर में भी समेश्वर पंचायत के वार्ड नंबर 01 का आदिवासी टोला चरघरिया उपेक्षा का शिकार है। गांव तक आवागमन के लिए कच्ची सड़क तो है पर चलने लायक नहीं। उपेक्षित आदिवासी समाज के लोगों ने थक हार कर शनिवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी से गुहार लगाया है एवं स्थल जांच कर समस्या के समाधान के लिए लिखित शिकायत किया है।
लोगों ने कहा कि सड़क निर्माण के नाम पर सिर्फ लूट खसोट किया गया है। कई बार सड़क पर मनरेगा आदि योजनाओं से मिट्टीकरण के नाम पर सिर्फ योजना का बोर्ड लटका कर राशि का बंदरबांट किया गया। गोबिंद सोरेन के घर से बबलू के घर तक 3 लाख 8 हजार की राशि का बोर्ड लगा हुआ है जिसमें मिट्टीकरण कार्य किया ही नहीं गया। लोगों ने कहा कि सिर्फ सड़क को कुदाल से छिल कर बराबर कर दिया गया।
नतीजा बरसात के मौसम में सड़क पर वाहनों का आवाजाही तो दूर पैदल चलना फिरना भी मुश्किल है। गांव में स्कूल भी है जहां बच्चे आवागमन के अभाव में स्कूल तक नहीं पहुंच पाते। अगर गांव में अचानक ही बीमारी की हालत में एंबुलेंस तक पहुंचना मुश्किल है। ऐसी हालत में लोग मरीज को उठाकर मुख्यमार्ग तक लाते हैं। बताते चलें कि लगभग 50 घर का आदिवासी टोला सहित 50 घर शेरशाह वादियों को इसी कच्ची सड़क से आवाजाही करना पड़ता है जिसपर आवाजाही करना काफी मुश्किल है। गांव के सुनील मुर्मू, रोबिन हेंब्रम, रफीक आलम, सिराज आलम, सोनी लाल मुर्मू, नील मनी देवी, राजेबुल, लखीराम टुडू, गफूर आलम, मो सलीम, बबलू टुडू, शिवलाल टुडू सहित दर्जनों ग्रामीणों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी से जांच कर उचित समाधान का गुहार लगाया है। वही प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जांच कर उचित कारवाई का भरोसा दिया है।