जाली केवाला का म्यूटेशन करने पर ठाकुरगंज सीओ को विभाग ने किया निलंबित

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किशनगंज/प्रतिनिधि


बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने किशनगंज जिले के ठाकुरगंज की अंचल अधिकारी सुचिता कुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई जाली केवाला के आधार पर गलत दाखिल-खारिज करने के मामले में लापरवाही और गंभीर अनियमितता के आरोपों के बाद की गई है। निलंबन का आदेश 19 जून, 2025 को जारी किया गया, जिसमें बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 के प्रावधानों का हवाला दिया गया है।

मामला किशनगंज के गलगलिया थाना क्षेत्र के भतगांव पंचायत निवासी मोहम्मद कसमुद्दीन की शिकायत से जुड़ा है। कसमुद्दीन ने सुचिता कुमारी पर जाली केवाला के आधार पर नामांतरण स्वीकृत करने का आरोप लगाया था। उन्होंने आपत्ति पत्र और साक्ष्य प्रस्तुत किए थे, लेकिन अंचल अधिकारी ने इनकी अनदेखी की। विभागीय जांच में पाया गया कि सुचिता कुमारी ने आपत्ति पत्र पर विचार नहीं किया और न ही निबंधन कार्यालय से केवाला की सत्यता की जांच की। उनके स्पष्टीकरण को भी असंतोषजनक माना गया, जिससे प्रतीत होता है कि उन्होंने जानबूझकर गंभीर आपत्ति को नजरअंदाज किया।

जांच प्रतिवेदन के आधार पर विभाग ने सुचिता कुमारी को प्रथम दृष्टया दोषी पाया और अनुशासनिक कार्रवाई के तहत निलंबन का निर्णय लिया। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय पूर्णिया आयुक्त कार्यालय निर्धारित किया गया है। इस दौरान उन्हें नियमों के अनुसार जीवन-निर्वाह भत्ता मिलेगा। विभाग ने उनके खिलाफ अलग से विभागीय कार्यवाही शुरू करने की भी घोषणा की है। यह मामला भूमि सुधार विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर करता है। स्थानीय स्तर पर जाली दस्तावेजों के आधार पर नामांतरण जैसे मामले आम लोगों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा करते हैं। सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ सख्ती का संदेश देता है।

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