विद्यालय भवन की छत भी हुई जर्जर
रिपोर्ट :विजय कुमार साह
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चिल्हनियाँ पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुहिया में बीते दो महीनों से मध्यान्ह भोजन योजना ठप पड़ी है। इससे बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ पोषण पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। स्थिति को लेकर अभिभावकों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है।अभिभावकों ने आरोप लगाया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक का रवैया शुरू से ही गैर-जिम्मेदाराना रहा है। उनका कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद प्रधानाध्यापक ने मध्यान्ह भोजन शुरू कराने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं किया है।
अब स्थानीय लोग ऐसे प्रधानाध्यापक को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
इसके अलावा विद्यालय के भवन की स्थिति भी अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है। पुराने एवं जर्जर भवन में बच्चों की पढ़ाई करवाई जा रही है, जो किसी भी समय बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। अभिभावकों का कहना है कि यह भवन अब बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका है।स्थानीय ग्रामीणों द्वारा प्रशासन से मांग की गई है कि जल्द से जल्द विद्यालय की स्थिति का संज्ञान लिया जाए, प्रधानाध्यापक के रवैये की जांच हो, मध्यान्ह भोजन योजना पुनः शुरू की जाए और विद्यालय भवन की मरम्मत या नवनिर्माण कराया जाए।
वहीं प्रधानाध्यापक मनोज कुमार का कहना है कि विगत 25 मार्च को खाद्यान्न समाप्त होने की लिखित सूचना मध्याह्न भोजन प्रभारी को दी गयी थी।जिसके निर्देशानुसार उत्क्रमित मध्य विद्यालय आमबाड़ी से 100 किलोग्राम खाद्यान्न प्राप्त हुआ था।जिससे मध्याह्न भोजन चल रहा था।खाद्यान्न के आभाव में पुनः 04 अप्रैल से मध्याह्न भोजन बंद है।उन्होंने कहा खाद्यान्न उपलब्ध होने पर पुनः मध्याह्न भोजन सुचारू रूप से चलेगा।पूरे मामले पर जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शीला कुमारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मध्याह्न भोजन अधिकारी से इस संबंध में बात की जाएगी ।
उन्होंने जर्जर भवन को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि यदि भवन जर्जर हो चुकी है तो विद्यालय समिति को इस पर प्रस्ताव लेना चाहिए और खतरे को देखते हुए वहां बच्चे को बैठने नहीं दिया जाना चाहिए ।वही पूरे मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी नासिर हुसैन से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर समस्या है तो आप आवेदन दे ।
उन्होंने पूरे मामले से ही पल्ला झाड़ लिया ।सवाल उठता है कि अगर कल कोई दुर्घटना होती है तो इसकी जवाबदेही किसकी होगी ।जरूरत है अविलंब विद्यालय में मध्याह्न भोजन योजना शुरू किए जाने और विद्यालय भवन की मरम्मती किए जाने की ताकि नौनिहालों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके ।