पौआखाली/रणविजय
कहते हैं मां का दर्जा सबसे ऊंचा होता है मां ममता दया करुणा की देवी होती है इसलिए वह पूजनीय होती है. लेकिन एक मां ऐसी भी जिसकी निर्दयता की कहानी ने मानवता को शर्मशार तो किया ही साथ ही हर एक शख्स के मन मस्तिष्क को झकझोर कर रख दिया है. दरअसल मामला पौआखाली नगर पंचायत से है जहां एक कलयुगी मां ने अपने नवजात शिशु को सड़क किनारे एक झाड़ में फेंककर फरार हो गई है.
मामला बुधवार अहले सुबह की है जहां नगर के वार्ड नंबर पांच स्थित शीशागाछी टोला में जब लोग बच्चे की क्रंदन की आवाज सुनी तो लोगों की नजर झाड़ियों के बीच लावारिश अवस्था में पड़े नवजात बच्चे पड़ पड़ी. जिसे देख हर एक शख्स का दिल पसीज गया. बताया जाता है कि स्थानीय निवासी अहमद हुसैन शाहबाज और दानिश नाम के युवकों ने बच्चे को उठाया उसे गर्म कपड़े पहनाकर पुलिस के साथ अस्पताल लेकर आया. देखते ही देखते नवजात की एक झलक पाने के लिए काफी संख्या में स्थानीय लोगों और राहगीरों को भीड़ भी इकट्ठी हो गई.
जिसके बाद लोगों ने इसकी सूचना 112 पर कॉल करके पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पौआखाली थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार मिश्र दलबल के साथ पहुंचे और नवजात शिशु को अपने संरक्षण में लेकर स्थानीय उपस्वास्थ्य केंद्र में ईलाज के लिए भर्ती कराया और मामले की जानकारी चाइल्ड लाइन को दी. चाइल्ड लाइन के पदाधिकारी और कर्मचारियों ने बच्चे को पुलिस प्रशासन से कागजी प्रक्रिया पूरी करने के उपरांत अपने संरक्षण में लेकर किशनगंज रवाना हो गया.
इस बीच अस्पताल से थाने तक बच्चे को गोद लेने कई निःसंतन दंपति की भीड़ लगी थी. वहीं स्थानीय लोगों का कहना था कि जिस किसी भी मां ने भी इस नवजात को जन्म देकर लावारिश हालत में फेंककर चली गई है उसके अंदर ना तो ममता और ना तो दया नाम की चीज है एक कलयुगी मां ही ऐसी होगी जो नौ महीने तक नवजात को कोख में पालकर जन्म देने के बाद इस तरह लावारिश अवस्था में फेंककर चली गई हैं धिक्कार है ऐसी मां पर. शुक्र है नवजात पर किसी जानवर की नजर नही पड़ी क्या पता उसकी जान सुरक्षित रह पाती भी या नही. लोगों ने कहा मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है और सब ऊपर वाले की महिमा है.