रिपोर्ट–राजीव कुमार
चार दिवसीय सूर्योपसना और लोक आस्था के महापर्व छठ पर्व की शुरुआत मंगलवार क़ो नहाय खाय के साथ हुई। जहाँ कोशी बराज स्थित कोशी छठ घाट पर सैकड़ो की संख्या में छठ व्रतियों ने आस्था की डुबकी लगाकर भगवान भास्कर की पूजा की। वहीं कोशी बराज के कौशिकी मंदिर में कोशी महारानी की भी पूजा अर्चना की गई।

बताया जा रहा है कि कोशी के स्थापना काल यानी 70 के दशक से कोशी नदी के कोशी बराज स्थित घाट पर लगातार छठ पर्व मनाया जाता रहा है।
छठ व्रती बताते हैं कि बहती नदी में आस्था की डुबकी लगाकर छठ पर्व का शुरूआत किया जाए तो भगवान भास्कर और माता कोशिकी अधिक प्रसन्न होती है जिसको लेकर हमारे पूर्वज इस परंपरा को वर्षों से निभाते आ रहे हैं।

मान्यता यह भी है कि आज के दिन बहती नदी में स्नान करने के साथ ही अरवा चावल, सिंधा नमक और कद्दू में चना का दाल डालकर जो व्रती भोजन बनकर भोजन ग्रहण करती है या घर के सभी परिवार के सदस्य ग्रहण कर पूजा की शुरुआत करते हैं।