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किशनगंज जिले में बाल ह्रदय योजना से 20 बच्चों को मिला अभयदान

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जिले में अब तक हुई स्क्रीनिंग में कुल 103 बच्चों में जन्म से ही ह्रदय में एक से अधिक विकार पाए गये हैं

  • स्वास्थ्य विभाग के प्रयास पर परिवारजनों में है विशेष उत्साह :

किशनगंज जिले में राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 से संचालित बाल हृदय योजना जरूरतमंद परिवारों के बच्चे के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। इसके तहत वैसे बच्चों का मुफ्त में इलाज कराया जा रहा , जिनके दिल में छेद या एक से अधिक विकार हैं। इसी क्रम में जिले में अब तक हुई स्क्रीनिंग में कुल 103 बच्चों में जन्म से ही ह्रदय में एक से अधिक विकार पाए गये हैं। जिनमें 30 बच्चे सर्जरी के लायक पाए गये हैं। बाकी बच्चे का दवा के द्वारा इलाज किया जा रहा है।

20 बचे की सफल सर्जरी से अभयदान मिला है। जिले के सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने यह जानकारी है। उन्होंने बताया बच्चे के लगातार बुखार और वृद्धि बाधित होने की जानकारी स्थानीय स्तर पर चिकित्सकों से अभिभावकों को मिली थी। जिला और पटना तक के चिकित्सकों से आवश्यक जाँच से पता चला है कि बच्ची के ह्रदय में एक से अधिक विकार हैं। जिसके इलाज में एक मुश्त में लाखों रुपये की जरूरत थी।

जो एक दैनिक मजदूरी कर किसी तरह से जीविकोपार्जन करने वाले अभिभावक के लिए मुश्किल था। समीप के ही आंगनवाड़ी केंद्र में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्क्रीनिंग शिविर के आयोजन के क्रम राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम के डॉक्टर को अभिभावकों ने जांच के दस्तावेज दिखाये । उक्त शिविर में जाँच करने के उपरांत डॉक्टर ने बाल ह्रदय योजना की जानकारी देते हुए बच्चों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक को संदर्भित कर दिया ।

तत्पश्चात पटना स्थित इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान के माध्यम से गुजरात राज्य के अहमदाबाद स्थित सत्य साई अस्पताल में इलाज किया गया और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।


शुन्य से 18 वर्ष के बच्चों का राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम के तहत विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा की जाती है पहचान एवं स्क्रीनिंग-


आरबीएसके डीआईसी प्रबंधक सह जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा अब तक 25 बच्चों के मामले में (0 से 18वर्ष तक) में विशिष्ट रोग सहित 4डी अर्थात् चार प्रकार की परेशानियों के लिए शीघ्र पहचान और प्रारंभिक हस्तक्षेप किया गया। इन चार परेशानियों में जन्म् के समय जन्म दोष, बीमारी, कमी और विकलांगता सहित विकास में रूकावट की जांच शामिल हैं। उनमें पुष्प भट्टाचार्य का अहमदाबाद में सफलता पूर्वक इलाज हो चुका है।

विभाग के प्रयास पर परिवारजनों में है विशेष उत्साह :


उक्त योजना के तहत इलाज होने पर इरम आरजू , मालिका रानी , फरहाना नाज , मानस , सुबल कुमार , निखत खातून , आयशा अली , रेशमा खातून , मिनन्ति प्रवीन एवं पुष्प भट्टाचार्य के अभिभावक ने कहा मेरे बच्चे के निःशुल्क इलाज से सभी परिवार उत्साहित है । हमें जीने की आस भी मिली है। यह राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा गरीब परिवारों के बच्चों के लिए महत्वाकांक्षी और सफल योजनाओं में से एक है।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम की हमारी टीम लगातार ऐसे बच्चों की पहचान में जुटी हुई है। इस बाबत जिले के सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर ने राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम की टीम के कार्यों की सराहना करते हुए कहा सरकार की बाल ह्रदय योजना एक विशेष पहल है। जन्म से ह्रदय में छेद या अन्य विकारों वाले बच्चों के मुफ्त इलाज में वरदान से कम नहीं है। मेरी अपील जिलेवासियों से है जो भी इस तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं उन्हें सीधे इस कार्यक्रम से जोड़ने में सहयोग करें। इसपर सभी 10 बच्चे के अभिभावक ने बताया बाल ह्रदय योजना की शुरुआत होने से ही हमारे बच्चे को नया जीवन मिल पाया। वर्ना हमलोगों के लिए आर्थिक तंगी के कारण उसका इलाज करा पाना असंभव था। सरकार की इस योजना को शुरू करने के लिए दिल से धन्यवाद।

  • सक्रियता के साथ प्रखंड से लेकर जिलास्तर पर टीम कर रही है कार्य :
    आरबीएसके डीआईसी प्रबंधक सह जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि समाज के अंतिम व्यक्ति को भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए हमारी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम इलाके का भ्रमण कर जरूरतमंदों को चिह्नित कर उन्हें सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करती है। यही नहीं, जरूरतमंदों के सरकारी स्वास्थ्य संस्थान आने से लेकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने तक हमारी टीम जरूरी सहयोग भी करती है। ताकि लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सेवा का लाभ लेने में किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो और सभी लोगों को सुविधाजनक तरीके से सरकारी स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके। वहीं, उन्होंने बताया, जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में हमारी टीम तैनात है। जिसमें दो चिकित्सक, एक एएनएम और फार्मासिस्ट शामिल हैं। उन्होंने कहा, मैं तमाम जिलेवासियों से अपील करता हूँ कि जिनका भी बच्चा हृदय रोग से पीड़ित है, वह अपने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र आकर हमारी टीम को सूचना दें। उनके बच्चे का पूरी तरह निःशुल्क समुचित इलाज करवाया जाएगा।
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किशनगंज जिले में बाल ह्रदय योजना से 20 बच्चों को मिला अभयदान

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