- जानिए कैसे करते थे रेकी, देते थे चोरी की घटना को अंजाम
दिव्या झा, ब्यूरो चीफ, न्यूज लेमनचूस, हरियाणा।
गुरुग्राम : डीएलएफ फेज-4 क्राइम ब्रांच ने अंतरराज्यीय बावरिया गिरोह के सरगना सहित पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ताज्जुब नहीं कि आरोपी भीख मांगने व कबाड़ा उठाने के बहाने पहले रेकी करते थे। इसके बाद सेंधमारी कर चोरी करने की घटना को अंजाम देते थे। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपियों पर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश में चोरी करने के एक दर्जन से भी ज्यादा केस दर्ज हैं। ये पहले भी जेल की हवा खा चुके हैं। पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश करके पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया है।
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पुलिस के प्रवक्ता के मुताबिक, नाथूपुर पुलिस चौकी में एक व्यक्ति ने शिकायत दी कि किसी ने उसके डीएलएफ फेज-3 स्थित मकान से आभूषण व नकदी चोरी कर लिए। मामला दर्ज होने के बाद इसकी जांच सीआईए डीएलएफ फेज चार के प्रभारी इंस्पेक्टर संदीप कुमार की टीम ने शुरू की। टीम की ओर से जांच के दौरान चोरी करने की वारदातों को अंजाम देने वाले पांच आरोपियों को दबोचा गया। जिनकी पहचान राजस्थान के अजमेर निवासी विनोद, बाबूलाल उर्फ सोनू, मंगल, पन्नालाल व यूपी के अलीगढ़ निवासी बंटी के रूप में हुई है। पुलिस टीम ने आरोपियों को लेजर वैली पार्क, गुरुग्राम से काबू किया था। इनसे पूछताछ के बाद चोरी का समान खरीदने वाले इनके साथी आरोपी पन्नालाल (सुनार) को राजस्थान के जिला केकड़ी से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि सभी आरोपी बावरिया गिरोह के सदस्य हैं। विनोद उर्फ बावरिया इस गिरोह का सरगना है। यह गिरोह चोरी करने के पहले किसी शहर, कस्बे या कॉलोनी को चिन्हित करते थे। इसके बाद वे चिन्हित किए गए शहर, कस्बे, कॉलोनी के नजदीक खाली स्थान पर झुग्गी डालकर रहते थे।
ये खाना बनाने के लिए एक महिला को रखते थे ताकि इसकी झुग्गी को देखने पर ऐसा प्रतीत हो कि झुग्गी में एक परिवार रहता है। ये दिन के समय खाना मांगने के बहाने क्षेत्र में जाकर मकानों की रेकी करते थे।
जो मकान बंद ताला लगा हुआ मिलता तो ये उस मकान का ताला तोड़कर दिन के समय ही मकान में घुस जाते और इनके दो साथी मकान के बाहर रहकर निगरानी करते। बताया गया कि चोरी किए हुए सामान को आरोपी पन्नालाल (सुनार) को देने के लिए राजस्थान चला जाता था। इसके बाद यह उस स्थान को छोड़ देते थे और किसी अन्य स्थान को चिन्हित करके वहां जाकर अपना डेरा डाल लेते। ये शहर बदलते रहते थे और एक स्थान पर करीब 15 से 20 दिन ही रुकते थे। आरोपियों ने गुरुग्राम के विभिन्न थाना क्षेत्र से चोरी की 8 वारदात तथा दिल्ली से चोरी की 2 अन्य वारदातों को अंजाम देने का खुलासा किया है।