- जिला पदाधिकारी ने जिले के सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
किशनगंज/ प्रतिनिधि
जिले में दस्त की रोकथाम को लेकर 23 जुलाई से 22 सितम्बर तक लोगों की जागरूकता के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए संबंधित प्रचार-प्रसार सामग्री एवं अभियान के सफल आयोजन हेतु राज्य स्वास्थ्य समिति पटना एवं जिला पदाधिकारी श्री तुषार सिंगला के द्वारा जारी दिशा-निर्देश के आलोक में जिले में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिले के सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की सदर अस्पताल उपाधीक्षक, अनुमण्डलीय अस्पताल, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को जिला पदाधिकारी के द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए है। उन्होंने सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर ओआरएस एवं ज़िंक की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता रखने का निर्देश दिया है। अभियान के अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण हेतु सीएचओ /स्टाफ नर्स एवं सहयोगी संस्थानों का सहयोग लिया जाय। उन्होंने ने बताया कि गर्मी एवं बरसात के मौसम में बच्चों में दस्त के केस ज्यादा मिलते हैं। इनसे बचाव के लिए आशा, जीविका व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से बच्चों व अभिभावकों को हाथ धोने व साफ सफाई की जानकारी दी जाएगी। दस्त होने पर बच्चों की सुरक्षा हेतु स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही सभी स्वास्थ्य केंद्रों को मुस्तैद किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष ध्यान रखा जा रहा है। डीसीएम ने बताया कि पोस्टर, हाथों को साबुन से कब धोएं एवं होर्डिंग प्राप्त हुए हैं।वही अभियान के तहत स्वास्थ्य उपकेंद्र, अतिसंवेदनशील क्षेत्र शहरी झुग्गी, झोपड़ी, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्ठे क्षेत्र, अनाथालय तथा ऐसे चिह्नित क्षेत्र जहां दो तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाये गये हों, छोटे गांव व टोले जहां साफ सफाई व पानी की आपूर्ति एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी हो आदि को प्राथमिकता वाले क्षेत्र में रखा गया है।इस पूरे कार्यक्रम के लिए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। इनसाइट एप्प के माध्यम सभी पदाधिकारी इसका अनुश्रवन करना सुनिश्चित करेंगे |
आशा करेंगी ओआरएस का वितरण:
आशा को पांच वर्ष तक के उम्र के बच्चों की सूची बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक—एक ओआरएस पैकेट का वितरण करना है.। आशा द्वारा परिवार के सदस्यों को ओआरएस के घोल बनाने एवं इसके उपयोग की विधि तथा इसके लाभ के बारे में बताना है। परिवार के सदस्यों को साफ—सफाई तथा हाथ धोने के तरीकों की जानकारी देनी है। . परिवार को दस्त होने के दौरान बच्चों को जिंक का उपयोग करने की जानकारी देनी है।जिंक का प्रयोग करने से दस्त की तीव्रता में कमी आ जाती है।. दस्त ठीक नहीं होने पर गंभीर स्थिति में बच्चे को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाने में परिवार की मदद करनी है। दस्त के कारण हुई मृत्यु की रिपोर्ट प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को देनी है।दस्त से ग्रसित अति गंभीर कुपोषित बच्चों को रेफर करना है । घर पर पीने के पानी को शुद्ध करने के लिए क्लोरीन गोली के उपयोग को बढ़ावा देना है।कार्यक्रम में शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग और ग्रामीण विकास विभाग की अहम भूमिका होगी।
आमजन इन बातों का रखें ध्यान:
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, ऊपरी आहार और भोजन जारी रखा जाना चाहिए। पीने के लिए साफ और सुरक्षित पेयजल का उपयोग करें। खाना बनाने और खाना खाने से पूर्व और बच्चे का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ धोना जरूरी है। दस्त को रोकने के लिए शौचालय का उपयोग करें।खुले में शौच नहीं जायें। बच्चे के मल का सुरक्षित एवं त्वरित निपटान।स्तनपान जारी रखें, जिसमें उन बच्चों को स्तनपान कराना भी शामिल है जिन्हें स्तनपान कराया जा रहा है तथा बीमारी के दौरान और बाद में अतिरिक्त आहार दें।सुरक्षित संचालन के बाद स्वच्छ पेयजल का उपयोग करें।माँ को भोजन तैयार करने से पहले, बच्चे को खिलाने से पहले तथा बच्चे का मल साफ करने के बाद अपने हाथ साबुन से धोने चाहिए।