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एमजीएम मेडिकल कॉलेज में ट्रू कट बायोप्सी एवं डिजिटल पैथोलॉजी जल्द होगी शुरू

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माता गुजरी विश्व विद्यालय में डायग्नोस्टिक महत्व रोगी देखभाल के उद्देश्य से Investicon 2024 सम्मेलन का हुआ आयोजन

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने सम्मेलन का किया उद्घाटन

किशनगंज/प्रतिनिधि

किशनगंज स्थित माता गूजरी विश्व विद्यालय के ऑडिटोरियम में दो दिवसीय इंवेस्टी कॉन 2024 सम्मेलन का आयोजन किया गया।बताते चले की सम्मेलन का आयोजन विश्वद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी रेडियोलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी डिपार्टमेंट के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।आयोजित सेमिनार में देश भर के प्रतिनिधि शामिल हुए है ।कार्यक्रम का उद्घाटन राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉक्टर दिलीप कुमार जायसवाल ने किया ।

विश्व विद्यालय के अधिकारियो द्वारा मंत्री डॉ जायसवाल एवं अन्य अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ प्रदान कर किया गया । इस सम्मेलन में 67 स्नातकोत्तर छात्रों द्वारा पोस्टर एवम मौखिक प्रस्तुति दी गई जो की देश के अलग अलग संस्थानों से सम्मेलन में शामिल हुए है ।यह पहली बार है की चारो डिपार्टमेंट यथा पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी सहित अन्य विभागो को एक स्तर पर लाया जा रहा है, ताकि चारो डिपार्टमेंट का डायग्नोस्टिक महत्व रोगी देखभाल के लिए दिखाया जा सके ।

आयोजित सेमिनार में चिकित्सा क्षेत्र में पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी के महत्त्व ,जांच की गुणवत्ता सहित अन्य विषयों पर चर्चा हुई। सम्मेलन के उद्देश्य को लेकर बताया गया की भारत में बढ़ते कैंसर की बीमारी को देखते हुए आणविक परीक्षणों के ज्ञान के साथ कैंसर के समग्र पूर्वानुमान को संशोधित करने के लिए प्रारंभिक निदान के लिए हमअपने संस्थान में इसे लागू कर सकते हैं।एमजीएम युनिवर्सिटी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया की हम घातक बीमारी के सभी संदिग्ध मामलों में न्यूनतम लागत पर निर्देशित और अनिर्देशित ई कट बायोप्सी शुरू करने की योजना बना रहे हैं और साथ ही डिजिटल पैथोलॉजी भी शुरू करेंगे जो एमजीएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की चिकित्सा देखभाल प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

साथ ही प्रौ‌द्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और दक्षता बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड, टेलीमेडिसिन और डेटा एनालिटिक्स जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाएगा । इस मौके पर डॉ जायसवाल ने कहा की यह हमारे लिए गर्व का क्षण है की आप का स्वागत करने का मौका मिला ।उन्होंने कहा की सेमिनार में एम्स कल्याणी, आईजीआईएमएस पटना,पीजीआईएमआईआर चंडीगढ़ से चिकित्सक आए है ।उन्होंने कहा की सीमित मात्रा में जांच करवा कर कैसे गरीब रोगियों का भी इलाज किया जा सके इसके लिए पूरी दुनिया में आज रिसर्च चल रहा है ।उसी कड़ी में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है ।

इस मौके पर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर सुदीप्तो बोस,प्रिंसिपल बिजन चंद्र दत्ता,डॉ. असितावा मंडल, कंसल्टेंट, साइटोलॉजिस्ट और ऑन्कोपैथोलॉजिस्ट, कोलकाता डॉ. बिमन सैकिया,इम्यूनोपैथोलॉजी,पी.जी.आई.एम.ई.आर, चंडीगढ़
डॉ. उमा नाहर सैकिया, प्रोफेसर हिस्टोपैथोलॉजी, पी.जी.आई.एम.ई.आर, चंडीगढ़ डॉ. अनूप बोलर, प्रोफेसर, पैथोलॉजी, बर्धवान मेडिकल कॉलेज, बर्धवान
डॉ. इंद्रनील चक्रवर्ती, प्रोफेसर पैथोलॉजी, एम्स कल्याणी
डॉ. रणधीर कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर माइक्रोबायोलॉजी, आई.जी.आई.एम.एस, पटना सहित अन्य चिकित्सक मौजूद थे।

एमजीएम मेडिकल कॉलेज में ट्रू कट बायोप्सी एवं डिजिटल पैथोलॉजी जल्द होगी शुरू

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