टेढ़ागाछ/किशनगंज/मनोज कुमार
टेढ़ागाछ प्रखंड के चिल्हनियाँ पंचायत अंतर्गत उत्तरवाहिनी में रेतुवा नदी के तट पर माघी पूर्णिमा के अवसर पर दस दिवसीय मेला का शुभारंभ विगत 24 फरवरी की अहले सुबह स्नान दान व पूजा अर्चना के साथ गई है।माघी पूर्णिमा के अवसर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा मंदिर में जल अर्पित करने के लिये पहुंते हैं।
शनिवार को 8 वें दिन भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उत्तरवाहिनी मेला में उत्तरोत्तर बढ़ती रही।इस अवसर पर नेपाल की तराई क्षेत्रों से भी श्रद्धालु मेला में पहुंचने लगे हैं।जानकार सूत्रों के अनुसार उत्तरवाहिनी सैकडों वर्षो से धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है।यह स्थान इसलिये भी चर्चित है, कि यहाँ गंगा माँ की पुरानी मंदिर थी, जो रेतुआ नदी के तट पर अवस्थित होने के कारण बहुत दिनों तक मंदिर परिसर से सट कर नदी दक्षिण से उत्तर दिशा में बह रही थी और माघी पूर्णिमा के अवसर पर लोग इस नदी को गंगा मानकर स्नान करते थे, फिर माँ गंगा की मंदिर में पूजा अर्चना कर जल अर्पित करते थे।
इसलिए आज भी यह स्थान आस्था का केंद्र बना हुआ है।कहा जाता है, कि जो श्रद्धालु सच्चे मन से माँ की आराधना करते हैं। उनकी आज भी मन्नते पूरी होती है।माघी पूर्णिमा के अवसर पर यहां मुंडन संस्कार भी करने श्रद्धालु आते हैं।उत्तरवाहिनी में माघी पूर्णिमा का मेला दस दिनों तक लगा रहता है।ग्रामीण क्षेत्र में भव्य मेला का आयोजन से सैकड़ों दुकानदारों की गाढ़ी कमाई का स्रोत भी है।