देश/डेस्क
हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फ़ाउंडेशन तथा पर्यावरण संरक्षण गतिविधि द्वारा पर्यावरण व वन संरक्षण हेतु प्रकृति वन्दन कार्यक्रम आगामी 30 अगस्त को मनाया जाएगा ।मालूम हो कि गुणवंत सिंह कोठारी, राष्ट्रीय संयोजक, हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला एवं गोपाल आर्य, राष्ट्रीय संयोजक, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि द्वारा संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी गई है ।
श्री कोठारी द्वारा कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा गया कि दिनांक 30 अगस्त रविवार को सभी लोग अपने घरों में सुबह 10 बज बजे पेड़ पौधों- जल – भूमि के संरक्षण के प्रति श्रद्धा व सम्मान संवर्धन के लिए यह प्रतीकात्मक कार्यक्रम है करेंगे ।
श्री कोठारी ने बताया कि यह कार्यक्रम समाज को प्रकृति व प्राणी रक्षा के प्राचीन मूल्यों की ओर पुनः उन्मुख करने के लिए आयोजित किया जा रहा है साथ ही कहा पर्यावरण व वनो के प्रति श्रद्धा के संस्कार के लिए वृक्षों तथा पौधों को प्रतीक बनाया जा सकता है एवं प्रतीक मस्तिष्क को गहराई तक प्रभावित करते है।
सोच के साथ साथ आचरण को भी प्रतीक प्रभावित करते है इसलिए प्रकृति वन्दन हेतु वृक्ष – पौधे – भूमि को प्रतीक रूप में लिया गया है ।वहीं राष्ट्रीय संयोजक श्री गोपाल आर्य ने कहा की इसका उद्देश्य है मनुष्य दैनन्दिन जीवन में पेड़ पौधों की रक्षा करे – भूमि वंदना से पंच महाभूतो( पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश ) अर्थात पर्यावरण की रक्षा करे ।
उन्होंने कहा कि वन्दन कार्यक्रम अपने घर पर परिवार के साथ किसी वृक्ष अथवा गमले में लगे पौधे का करना है एवं पूजन सामग्री में – जल का लोटा- रोली- मोली – पुष्प – दीपक – चावल – प्रसाद रखना है साथ ही वंदन के क्रम में ॐ कार ०३ बारवृक्ष को तिलक – अक्षत रक्षा सूत्र रूप में मोली बाँधना ,जल समर्पित कर प्रतिदिन जल चढ़ाने का संकल्प के साथ साथ दीपक जलाकर वृक्ष की आरती वृक्ष परिक्रमा – 5 बार करनी है और अंत में प्रकृति – परिवार व देश रक्षा हेतु प्रतिदिन करने वाले कार्यों का संकल्प लेना है ।