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लोकतंत्र का सिद्धांत ऋग्वेद की देन -श्यामानंद झा

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किशनगंज /प्रतिनिधि

15 अगस्त स्वाधीनता दिवस महान राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर आदर्श कोचिंग सेंटर कौआउड़ा कमलपुर पंचायत अंतर्गत कोचाधामन किशनगंज की धरती पर बौद्धिक सांस्कृतिक एवं रचनात्मक कार्यक्रम भव्य वातावरण में बच्चों द्वारा निदेशक शीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने काफी उद्गार प्रकट किया। मुख्य अतिथि एवं मुख्य प्रवक्ता के रूप में श्यामानंद झा सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित ने कहा 2047 का भारत निर्माण की दिशा में सर्वप्रथम शिक्षा में परिवर्तन करने की आवश्यकता है।

आज वर्तमान एवं वैदिक शिक्षा प्रणाली का समन्वय होना चाहिए। वर्तमान तकनीकी प्रणाली की शिक्षा आज की पुकार है किंतु प्राचीन शिक्षा प्रणाली में संस्कार सांस्कृतिक और शिष्टाचार सभ्यता सिखाई जाती है। आज लोकतंत्र का सिद्धांत ऋग्वेद की देन है। आजादी सार्थक तभी हो सकती है जब वह हमारी संस्कृति की अभिव्यक्ति का साधन बन जाए। वर्तमान शिक्षा प्रणाली संपूर्ण रूप से मैकाले द्वारा थोपी गई थी जो आज तक ढोई जा रही है।

इसमें परिवर्तन की आवश्यकता है। प्राचीन भारत की शिक्षा प्रणाली तकनीकी, आध्यात्मिक एवं भौतिक विज्ञान से परिपूर्ण वैज्ञानिक था जहां पूरी दुनिया के लोग यहां शिक्षा ग्रहण करने आते थे। भारत में शिक्षा शत प्रतिशत थी। सशक्त समर्थ आदर्श ऊर्जावान भारत निर्माण की दिशा में विस्तार से चर्चा किया गया। उन्होंने कहा 21वी सदी भारत का होगा जो पूरे विश्व के लिए गुरुवत कार्य करेगा।


कार्यक्रम की भव्यता को सफलता प्रदान करने में निदेशक शिश कुमार, प्रो लक्ष्मी नारायण केशरी, संजीव कुमार, सुजीत कुमार दास, मुस्ताख आलम, महादेव प्रसाद सिंह, आदि की भूमिका सराहनीय रही।

लोकतंत्र का सिद्धांत ऋग्वेद की देन -श्यामानंद झा

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