सिवान/संवादाता
गोपालगंज के बरौली का बांध टूटने के के कारण सिवान में 20 साल के बाद बाढ़ ने तबाही मचाई है, जिले के लकड़ी नबीगंज और बसंतपुर प्रखंड के दो दर्जन से ज्यादा पंचायतों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है ।नदी का पानी सड़क के उपर से बह रहा है।लोग अपने घरों को छोड़कर सड़कों के किनारे डेरा डाले हुए हैं, उनके सामने भुखमरी की समस्या है ।
लकड़ी नबीगंज प्रखंड कार्यालय में भी पानी घुस गया है,इसके बावजूद भी जिला प्रशासन कोई कारगर कदम नहीं उठा सका हैं।और ना ही सत्ता में बैठें लोगों को इसकी चिंता है। अब तो समाज से जुड़े लोग ही इनका सहारा बने हुए हैं जो निरंतर बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्रियों का वितरण कर रहे हैं।
कुछ यही हाल है सिवान शहर से सटे ओरमा पंचायत का, जहां दाहा नदी उफान पर आ गई है। जिसके कारण ओरमा पंचायत में नदी का पानी घुस गया हैं,जहां नाव चल रही है,स्थानीय स्तर पर मुखिया द्वारा राहत सामाग्री बांटी जा रही है लेकिन जिला प्रशासन के तरफ से कोई मदद नहीं मिलने से लोगों में रोष है।
वही भारी बारिश ने सिवान नगर परिषद के कारनामों को सामने ला दिया है ।
शहर के कई मुहल्लों में जलजमाव है, सड़को पर पानी लगा है, जहरीले कीड़े मकोड़े निकल रहे हैं, जलजमाव से निकल रही खराब बदबू के बीच लोग रहने को मजबूर हैं, लोग बांस की बल्ली से जुगाड़ पुल लगाकर पानी के उपर से जाने का प्रयास कर रहे हैं ,लेकिन यह खतरनाक साबित हो सकता है, इस बांस के पुल को सिवान में मौत का पूल कहा जा रहा है, जिससे गिरने के बाद लोगो की जान भी जा सकती है।
लेकिन पूछ्ने वाला न तो नगर परिषद हैं ना ही जिला प्रशासन और ना ही स्थानीय नेता।नगर परिषद के द्वारा नालों की सफाई नहीं होने से लोग मौत को सामने रखकर जी रहे हैं। शहर के ऐतिहासिक राजेन्द्र स्टेडियम भी तालाब बन गया है।