बाबा साहब कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे: नरेश

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धूमधाम से मनाई गई भारत रत्न बाबा साहब की जयंती.



छातापुर।सुपौल।सोनू कुमार भगत


प्रखंड के विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में संविधान के निर्माता, दलितों के मसीहा और मानवाधिकार आंदोलन के प्रकांड विद्वता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्मदिवस धूमधाम से मनाई गई।भीमपुर पंचायत के आदर्श प्राथमिक विद्यालय केवला में बाबा साहब के जयंती के अवसर पर विद्यालय के शिक्षक और छात्र छात्राओं ने भारत रत्न डाॅ अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धापूर्वक नमन किए।

मौके पर प्रधानाध्यापक अमित कुमार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहेब की जयंती पर उनके जनकल्याण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया जाता है। बाबा साहेब निचले तबके से तालुक रखते थे। बचपन से ही समाजिक भेदभाव का शिकार हुए। यही वजह थी कि समाज सुधारक बाबा भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया। महिलाओं को सशक्त बनाया।शिक्षक नरेश कुमार निराला ने कहा कि इस साल बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई जा रही है।

भारत की स्वतंत्रता के बाद देश के संविधान के निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता है।श्री निराला ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर एक राजनीतिज्ञ, दार्शनिक, अर्थशास्त्री और समाज सुधारक थे, जो कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे।

श्री निराला ने बाबा साहब के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहब शिक्षा के जरिए समाज के दबे, शोषित, कमजोर, मजदूर और महिला वर्ग को सशक्त बनाना चाहते थे और उनको समाज में एक बेहतर दर्जा दिलाना चाहते थे।शिक्षक निरंजन कुमार ने कहा कि बाबा साहेब जाति व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई और दलित समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।मौके पर शिक्षक निरंजन कुमार, नरेश कुमार निराला, फूल कुमारी, नीतू कुमारी, मोहम्मद अमजद अहमद, मोहम्मद अरबाज आलम,बाबूनंद पासवान, उर्मिला देवी, सविता देवी, प्रिंस कुमार पटेल, मनीषा कुमारी, श्री राम कुमार, अंकित कुमार, सुभांगी कुमारी सहित छात्र छात्राएँ उपस्थित थे।

बाबा साहब कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे: नरेश

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