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कुमार राहुल


जगह-जगह बहस यह छिडी है, कि कोरोनावायरस ने जीने के तरीके को बदल दिया, बाजार को बदल दिया ,व्यापार को बदल दिया !कुछ दिनों में लोगों को शायद फासले में जीने की आदत बन जाएगी !लेकिन एक चीज है, जिसे सदियों से कोई नहीं बदल सका है ,तो फिर इस कोरोना की क्या बिसात ,जो इस रवायत को बदल दे !मैं बात कर रहा हूं ,प्यार, इश्क ,मोहब्बत जो भी नाम ले लीजिए ।

गत 1 महीने में कुछ ऐसी घटनाएं हुई ,जिससे प्रतीत होता है, जैसे मानो कुछ लोग 2 गज की दूरी जल्द से जल्द खत्म करने को आतुर हो ,किशनगंज शहर की डॉक्टर हसीना खातून(काल्पनिक नाम) ने अभी हाल में ही डेंटल सर्जरी का कोर्स कर घर लौटी ।अधिकतर लोगों ने अपने बच्चों को घर वापस बुला लिया, उसमें से हसीना भी थी। बेटी को भी शायद ऐसी ही समय का इंतजार था। लॉकडाउन कारोबार के लिए था ,प्यार के लिए नहीं पड़ोसी से प्यार का परवान  लाकडाउन मे चढ़ा ।

फर्स्ट  अनलाक मे मानो प्रेम के पक्षियों के पैर के तालो को खोल दिया हो, दोनों भाग गए ।भागलपुर से किशनगंज पुलिस दोनों को लेकर आई। डॉक्टर लड़की ने अपना भविष्य एक गोल्ड स्मिथ में देखा, रमेश जेल में है ,और हसीना खातून को कोर्ट खुलने का इंतजार।

डॉक्टर हसीना कोरोना प्रकोप   और लाकडाउन, पूरी तरह से खत्म होने का इंतजार नहीं कर सकी , वहीँ बिहार किशनगंज की ही रहने वाली गुनगुन राय (काल्पनिक नाम) भी अपने आप को इस प्रकोप में भी रोक ना सकी।

गुनगुन पेशे से इंजीनियर है ,यहां गुनगुन को घर से भागना नहीं पड़ा ।बल्कि वह सीधे बिना गाजे-बाजे के अपने पति के पास ससुराल पहुंच गयी।गायब बेटी को ढूंढते माता-पिता, जब मॉल में काम करने वाले रोहित के घर पहुंचे ,तो पता चला गुनगुन और रोहित ने 2019 में ही कोर्ट मैरिज कर लिया है। अब जब उनके माता-पिता धूमधाम से शादी को रेडी है, तब भी गुनगुन का कहना है, मुझे बैंड -बाजा -बारात वाली शादी पसंद नहीं ,क्यों ना हो एक इंजीनियर (हाल ही में सरकारी नौकरी ज्वाइन की है )को मॉल में काम करने वाला सेल्समैन पसंद है ,तो उन्हें बाकी सामाजिक व्यवस्था कैसे पसंद आ सकती है।

इन दोनों मामलों में इतना तो स्पष्ट है कि प्यार करने वाले कभी किसी से डरते नहीं ।और प्यार अक्सर बंद आंखों से ही की जाती है। जब आंखें खुलती है, तो बहुत कम ऐसा होता है कि जो सपने बंद आंखों से देखे गए ,वह सच में सामने मिलते हैं ।उपरोक्त दोनों मामले में कोरोना वायरस  इन लोगो को ना डरा सका  ना ही रोक सका।साथ ही समाज में ऐसे लोग की भी कमी नहीं ,जो विकृत मानसिकता के चलते कोरोना से बेखौफ दिखते हैं। कोरोना पीड़ित को  isolation ward में रखा जाता है यानी किसी से मिलने जुलने की मनाही होती है ।

ऐसे में इसी आइसोलेशन का फायदा उठाकर पटना के अस्पताल में एक वार्ड बॉय  एक कोरोना पीड़ित  लडकी का रेप किया।  कोरोना  का खौफ बच्चे, बूढ़े सबमें इतना समा गया है ,कि छत्तीसगढ़  के बिलासपुर में एक 7 साल की लड़की को कोरोनावायरस  से हमेसा के लिए निजात दिलाने के बहाने एकांत मे ले जाकर 2 नाबालिगों ने रेप किया।

26 अप्रैल 2020 को सवाई माधोपुर ,राजस्थान में दिहाड़ी कमाने वाली महिला रास्ता भटक गई थी ,पुलिस को भी कोरोनावायरस   का डर था।इसलिए पुलिस वालों ने quarentine centre नहीं होने की स्थिति में उसे स्कूल में रहने की व्यवस्था कर दी ,उस स्कूल को तीन लोगों ने अपवित्र कर दिया ।बाद में पुलिस ने  तीनों बलात्कारियों को गिरफ्तार कर लिया ।

लॉक डाउन मे पुलिस की काफी पहरेदारी है। लेकिन ऐसा लगता है ,कि विकृत मानसिकता के लोग घात लगाए बैठे रहते हैं, 18 अप्रैल 2020 को मध्यप्रदेश के एक शहर में 17 वर्षीय युवती हॉस्पिटल जा रही थी, दो लोगों ने उसका अपहरण कर  बलात्कार किया ।25 जुलाई 2020 को बिहार के बनबंखी  मे 17 वर्षीय किशोरी की हत्या हुई ,अभी तक बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है ,जिसके आसार बहुत ज्यादा हैं ।

6 जुलाई 2020 की घटना  ने तो सारे भारत के 376 वकीलों को भी विरोध करने पर मजबूर कर दिया। खुशी( काल्पनिक नाम) नामक जिस लड़की का 4 लोगों ने बलात्कार किया ,उस खुशी को भी कोर्ट की अवमानना मामले में कुछ दिनों तक जेल में रहना पड़ा। खास बात यह है कि भारत में जिसे रेप कैपिटल के नाम से जाना जाता है वह भारत का भी कैपिटल यानी दिल्ली है जहां कोरोनावायरस काल मे बलात्कार के  मामलों मे 83% की गिरावट दर्ज की गई है। लॉकडाउन में मात्र 33 रेप केस दर्ज हुए हैं ।लेकिन जानकारों का मानना है ,कि लॉकडाउन में रेप केस दर्ज नहीं हो पा रहे हैं ।

क्योंकि 15 जुलाई 2020 को 10000 बेड वाले covid 19 care सेंटर में 14 साल की एक लड़की के साथ कुकृत्य होता है, बाद में पीड़िता के साथ दो रेपिस्ट भी कोरोनावायरस positive पाए जाते हैं। बिहार पुलिस.  बिहार .एनआईसी के अनुसार May 2020 तक 120 रेप केस दर्ज किए गए हैं ।वहीं हरियाणा में जनवरी से जून 2020 तक 657 रेप केस दर्ज किए जा चुके हैं ।

7 दिसंबर 2019 टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार भारत में हर 6 घंटे में एक रेप होता है। और खास बात यह है, कि संपूर्ण भारत में जून-जुलाई में सबसे अधिक रेप  केस दर्ज किए जाते हैं ! कोरोना भी जून ,जुलाई में अपने peak   पर है ,और बलात्कारियों को कोरोनावायरस  भी पछाड़ नहीं पा रहा हैं।यानी घर हो या quarantine centre  महिलाएं  कहीं सुरक्षित नहीं है। कोरोना ने संपूर्ण विश्व मे ,लाखों की जानें ले ली लेकिन  love…rape को corona डरा तक नहीं सका।

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