किशनगंज :एसपी डॉ इनामुल हक मेंगनु ने कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिस पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई का दिया आदेश

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किशनगंज /सागर चन्द्रा

टाउन थाना पुलिस के द्वारा बिना पुख्ता साक्ष्य के सात लोगों को आरोपी बनाए जाने के मामले में तीन पुलिस पदाधिकारी पर गाज गिरी है। एसपी इनामुल हक मेगनू ने मामले के अनुसंधानकर्ता सहित दो एएसआई के खिलाफ विभागीय कारवाई का निर्देश दिया है। बताते चलें कि गत 18 मई को टेउसा स्थित एक नर्सिंग होम मे तत्कालीन थानाध्यक्ष अमर प्रसाद सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने छापेमारी कर शराब बरामद किया था।

मामले को लेकर टाउन थाना में असलम, साबीर, फरीयाद,नूर इस्लाम, मो. पप्पू, मो. जावेद सभी पिता मो. जाकीर सहित फरिंगगोला निवासी फारूख के विरुद्ध कांड संख्या 183/22 दर्ज किया गया था। सभी नामजद लोगों के विरुद्ध झूठा केस दर्ज किये जाने की जानकारी के बाद जब एसपी ने वरीय पुलिस पदाधिकारी से मामले की जांच करवाई तो पुलिसकर्मियों की कारगुजारियां उजागर हो गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी ने तत्तकालीन थानाध्यक्ष अमर प्रसाद सिंह को निलंबित कर दिया। साथ ही मामले के अनुसंधानकर्ता एएसआई शिवशंकर पंडित सहित केश मे गवाह देने वाले दो एएसआई विद्यासागर राय और मेघनाथ चौधरी को स्पष्टीकरण सर्मपित करने का निर्देश दिया था। लेकिन समय अवधि समाप्त होने के बाद भी तीनों पुलिस पदाधिकारी ने स्पष्टीकरण समर्पित नहीं किया। अनुसंधानकर्ता शिवशंकर पडित ने ठोस साक्ष्य संकलन किये बगैर ही सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया और 17 जुलाई को आरोप पत्र संख्या 415/22 समर्पित कर दिया था।

बहरहाल स्पष्टीकरण अप्राप्त रहने के कारण एसपी ने एएसआई शिवशंकर पंडित के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दे दिया। एसपी ने बताया कि कार्य में त्रुटि व लापरवाही बरते जाने के साथ साथ वरीय पदाधिकारी के आदेश का उल्लंघन करने के लिए एएसआई शिवशंकर पंडित के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने बताया कि छापामारी दल में शामिल एएसआई विद्दासागर राय और एएसआई मेघनाथ चौधरी के द्वारा अपना बयान कांड के अनुसंधानकर्ता व पर्यवेक्षी पदाधिकारी के समक्ष दिया गया था।

दोनों पुलिस पदाधिकारी ने अपने-अपने बयान में प्राथमिकी के नामजद अभियुक्त असलम, साबीर, फरीयाद, नूर इस्लाम, मो. पप्पू, मो. जावेद समी पिता मो0 जाकीर और फारूख को घटना में शामिल बताया था। जबकि कांड दैनिकी के अवलोकन से पाया गया था कि घंटनास्थल से गिरफ्तार प्राथमिकी अभियुक्त मो. तौहिद आलम के द्वारा इस तरह का कोई बयान नहीं दिया गया है। इसके बावजूद भी दोनों पुलिस पदाधिकारी के द्वारा अपने बयान मे सभी सात लोगों को घटना में शामिल होना बताया था।

जो दोनों के घोर लापरवाही, उदासीनता एवं संदिग्ध मंशा का द्योतक है। एसपी ने दोनों पुलिस पदाधिकारी को कार्य में त्रुटि और लापरवाही बरते जाने के लिये तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण समर्पित करने का निर्देश दिया। लेकिन छह दिन बीत जाने के बाद भी दोनों के द्वारा स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया। नतीजतन एसपी ने एएसआई विद्यासागर राय और मेघनाथ चौधरी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करने का आदेश दिया है।

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किशनगंज :एसपी डॉ इनामुल हक मेंगनु ने कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिस पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई का दिया आदेश

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