पटना/डेस्क
बिहार के गोपालगंज सत्तर घाट महासेतु का एप्रोच रोड ध्वस्त होने के बाद राजनीति तेज हो गई है । मालूम हो की 29 जून को इस सेतु का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था । लेकिन 1 महीने से भी कम समय में करोड़ों की लागत से बने इस पुल के ध्वस्त होने के बाद राजनीतिक गलियारे में सरकार को नेताओ ने घेरना आरंभ कर दिया है ।
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक निजी टीवी चैनल पर इंटरव्यू देते हुए कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह बन चुके हैं और जिसका नतीजा है कि पुल बनने के 1 महीने के बाद ही ध्वस्त हो गया साथ ही कहा के पीडब्ल्यूडी मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए और पुल निर्माण में लगी एजेंसी पर भी मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए ।

श्री यादव ने कहा कि नीतीश राज में पुल टूटना आम बात हो चुका है’ ।बिहार में अब चूहे भी बांध तोड़ देते हैं साथ ही कहा कि 5 साल में सीएम नीतीश ने 55 घोटाले किए है पुल निर्माण में लगी राशि की रिकवरी होनी चाहिए ।मालूम हो कि पुल का निर्माण 264 करोड़ की लागत से किया गया है ।
मीडिया में लगातार पुल टूटने की खबर के बाद सरकार और प्रशासन इसे भ्रामक बता रही है ।
आईपीआरडी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सत्तर महासेतू सम्पर्क पथ टूटने कि खबर भ्रामक
सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है।वहीं गोपालगंज के जिला पदाधिकारी ने कहा कि
सत्तर घाट अप्रोच रोड की पुलिया ध्वस्त मामला। डीएम अरशद अजीज का बयान। कहा 264 करोड़ की लागत से बना सत्तर घाट महासेतु पूरी तरह सुरक्षित।
2 किलोमीटर पहले बना अप्रोच रोड पानी के दबाव से हुआ है ध्वस्त। पानी घटने के बाद किया जाएगा मोटरेबल।