थैलेसीमिया मरीज के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग एवं रक्दताओ को कहा धन्यवाद
किशनगंज :जिले के सदर अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक में विश्व रक्तदान दिवस मनाया गया जिसमे जिले के वीर शिवाजी संगठन के युवाओ के द्वारा ररक्तदान किया गया ज्ञात हो की हर वर्ष 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस दिन को रक्तदान दिवस के रूप में घोषित किया गया है। वर्ष 2004 में स्थापित इस कार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षित रक्त रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और रक्तदाताओं के सुरक्षित जीवन रक्षक रक्त के दान करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हुए आभार व्यक्त करना है।वही जिले के सदर अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक थैलेसीमिया मरीजो के लिए जीने का आधार आबित हुआ है ,थैलेसीमिया रक्त से संबंधित एक गंभीर अनुवांशिक रोग है। समय पर उचित उपचार नहीं मिलने से बच्चे की मौत हो सकती है। वर्ष 2022 के माह जनवरी से माह मई तक कुल 1202 लोगो ने ब्लड बैंक में रक्तदान किया है वही वर्ष 2022 के माह जनवरी से माह मई तक कुल 43 थैलेसीमिया रोगीओ को मुफ्त रक्त उपलब्ध करवाया गया है |
पुरुष हर तीन महीने और महिला हर चार महीने के अंतराल पर दोबारा रक्तदान कर सकते हैं :
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की रक्तदान करने से शरीर पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता है बल्कि फायदा ही होता है। एक यूनिट रक्तदान में 350 मिलीग्राम रक्त लिया जाता है। रक्तदान के बाद हुई खून की कमी 21 दिनों में पूरी हो जाती है। एक यूनिट खून से एक यूनिट प्लाज्मा, एक यूनिट प्लेटलेट्स, एक यूनिट आरबीसी और एक यूनिट क्रायो मिलता है। इनसे अलग-अलग चार लोगों का जीवन बचाया जा सकता है।18 वर्ष से ऊपर के पुरुष हर तीन महीने और महिला हर चार महीने के अंतराल पर दोबारा रक्तदान कर सकते हैं। रक्तदान के लिए शरीर का न्यूनतम वजन 45 किलो होना चाहिए। रक्तदान पूर्व की जांच से शरीर की स्थिति का पता चलता है रक्तदान करने से कैंसर का खतरा कम, हार्ट को हेल्दी रखता है, वजन कंट्रोलरेड सेल्स प्रोडक्शन एवं सेहत अच्छी रहती है
थैलेसीमिया मरीज के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग एवं रक्दताओ को कहा धन्यवाद :
सदर अस्पताल परिसर में संचालित ब्लड बैंक के के नोडल पदाधिकारी सह सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर आलम बताते हैं कि जिले में फिलहाल थैलेसीमिया पीड़ित रोगियों की संख्या 30 है। इसमें कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें महीने में दो से तीन बार ब्लड चढ़ाना होता। इन्ही परिवारों में एक है कोचाधामन निवासी शब्बीर आलम ने बताया की उनकी पांच वर्षीय बेटी सहनाज को पिछले 42 माह थैलेसीमिया रोग से पीड़ित हैं। आब उन्हें प्रति 12-13 दिनों में अपनी बेटी के लिए रक्त की आवश्यकता होती आज भी उनकी बेटी को रक्त चढ़ा है इसके लिए उन्होंने अस्पताल प्रशाशन के साथ रक्तदाताओ का भी धन्यवाद कहा है वे बताते है की सदर अस्पताल में संचालित ब्लड बैंक मुझ जैसे थैलेसीमिया रोगियों केपरिजनों के लिये सुविधाजनक साबित हो रहा है। उन्हें रक्त के लिये कहीं अन्यत्र भटकना नहीं पड़ता। ब्लड बैंक के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर रोगियों को निशुल्क रक्त उपलब्ध करायी जाती है। इसके लिये अब उन्हें कहीं भटकने की जरूरत नहीं होती ।
रक्दान से निम्लिखित फायदे है :
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की रक्तउदान को महादान कहा जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि यह दूसरों की जान बचाता है और रक्तदान करने वालों के स्वा स्य्हैत पर भी सकारात्मक असर करता है। हालांकि, अधिकतर लोग सोचते हैं कि रक्तदान करने से उन्हें कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। शरीर कमजोर हो सकता है। एचआईवी होने का खतरा बढ़ सकता है। रक्तदान से शरीर को नुकसान नहीं, बल्कि कई तरह के लाभ होते हैं।उन्होंने बाते की जब आप रक्तदान करते हैं, तो आपके मन-मस्तिष्क को एक संतुष्टि का अहसास होता है। ऐसा इसिलए, क्योंकि आपने किसी की जान बचाने का नेक काम किया और इससे आपको खुशी महसूस होगी। आपको खुशी होती है, तो तनाव दूर होता है। ब्लड डोनेट करने से हार्ट अटैक आने की संभावनाएं कम होती हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि रक्तदान करने से खून का थक्का नहीं जमता। इससे खून पतला होता है, जो हृदयाघात के खतरे को कम कर देता है।यदि आपका वजन अधिक है, तो फिर जरूर रक्तदान करें। वेट लॉस टायट प्लान के साथ ही वर्ष में दो बार ब्लड डोनेट करें।रक्तदान के बाद नए ब्लड सेल्स बनते हैं, जिससे शरीर में तंदुरुस्ती आती है। शरीर में अधिक आयरन होने से लिवर पर दबाव पड़ता है। रक्तदान करने से आयरन की मात्रा बैलेंस होती है। लिवर हेल्दी होने के साथ ही इससे कैंसर होने की संभावना भी कम रहती है।

