परिचर्चा में उद्योग निकायों सहित बिहार के सभी प्रमुख चाय उत्पादकों ने भाग लिया
कृषि मंत्री ने धूमनिया स्थित दफ्तरी चाय बागान का लिया जायजा
धुमानिया चाय बागान में कृषि मंत्री का हुआ भव्य स्वागत।
चाय उत्पादक किसानों ने समस्याओं से कृषि मंत्री को करवाया अवगत
किशनगंज /प्रतिनिधि
बिहार की चाय की नगरी, किशनगंज में शनिवार को बिहार की चाय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। श्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह कृषि मंत्री, बिहार ने इस कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन किया। वही इस परिचर्या की अध्यक्षता डॉ० एन. सरवण कुमार, सचिव कृषि, बिहार सरकार के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर बिहार की चाय का प्रतीक के रूप में एक लोगो (LOGO) को जारी किया गया है, जिससे बिहार में उत्पादित एवं प्रसंस्कृत चाय को एक पहचान मिलेगी। इस कार्यशाला में भारतीय चाय बोर्ड के साथ बिहार के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। ज्ञातव्य हो कि भारतीय चाय बोर्ड में बिहार को छोड़कर चाय उत्पादन करने वाले दूसरे राज्यों के प्रतिनिधि पहले से ही शामिल है। भारतीय चाय बोर्ड भारत सरकार की एजेंसी है जिसकी स्थापना भारत में चाय के उत्पादन, प्रसंस्करण और घरेलू व्यापार के साथ-साथ निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की गई है। परिचर्चा में उद्योग निकायों सहित बिहार के सभी प्रमुख चाय उत्पादकों ने भाग लिया।

मालूम हो कि किशनगंज की मिट्टी एवं जलवायु को चाय की खेती के उपयुक्त होने के कारण सन् 1992 में बिहार की चाय की खेती की शुरूआत पोठिया के गोरुखाल पंचायत के कालीदास किस्मत मौजा में पाँच एकड़ से की गयी थी। वर्ष 1999 में भारतीय टी बोर्ड में किशनगंज जिला के पाँच प्रखंडों (1) किशनगंज (2) ठाकुरगंज (3) पोठिया (4) बहादुरगंज (6) विघलबैंक को चाय की खेती के लिए गैर पारम्परिक क्षेत्र घोषित किया है, तदोपरांत बिहार राज्य के किशनगंज जिले में बड़े पैमाने पर चाय की खेती हो रही है।
गौरतलब हो कि बिहार में लगभग 8000 से अधिक किसानों के द्वारा 25 हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में चाय का उत्पादन किया जाता है। पिछले 20 वर्षों में चाय का वार्षिक उत्पादन लगभग 75 लाख किलो तक पहुँच गया है। बिहार क्षेत्र के अनुसार पूरे भारत में पाँचवें स्थान पर है। बिहार उत्पादित चाय की हरी पत्तियों के प्रोसेसिंग हेतु वर्तमान में बिहार में 11 इकाईयाँ कार्यरत है। जिसमें 1 इकाई भारतीय सरकार की स्कीम स्वर्ण जयंती रोजगार योजना के अन्तर्गत स्थापित की गयी है। औंकड़ों के अनुसार बिहार में उत्पादित 70 प्रतिशत हरी पतियों की प्रोसेसिंग निकटवर्ती राज्य पश्चिम बंगाल में हो रही है। चाय की खेती प्रोसेसिंग एवं उससे जुड़े अन्य गतिविधियों से संबंधित कार्यों के अनुश्रवण एवं संचालन के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषि विभाग अन्तर्गत उद्यान निदेशालय को प्राधिकृत किया गया
कृषि मंत्री श्री सिंह ने कहा कि बिहार में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए नगदी फसलों के उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ-साथ बिहार सरकार के कृषि विभाग अन्तर्गत उद्यान निदेशालय ने बिहार में उत्पादित चाय के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया गया है। उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग द्वारा संचालित बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति (BAIPP) के अन्तर्गत चाय सहित साल फसलों के लिए एक सक्षम वातावरण तैयार कर बिहार में कृषि प्रसंस्करण व्यवसाय के क्षेत्र को प्रोत्साहन एवं बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। इस नीति अन्तर्गत सात चिन्हित फसल यथा चाय, मखाना, शहद, फसल एवं सब्जी, मखाना, बीज तथा औषधीय एवं सुगंधित पौधे के प्रसंस्करण, भण्डारण, मूल्यवर्धन एवं निर्यात में वृद्धि हेतु सहयोग प्रदान करता है जिससे किसानों को उचित आय प्राप्त करने तथा अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलती है।
इसके अतिरिक्त बिहार में चाय के उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्य में चाय के क्षेत्र विस्तार के लिए भी कृषि विभाग, बिहार सरकार ने बेहतर कदम उठायें हैं। विशेष उद्यानिक उत्पाद योजना के अन्तर्गत चाय की खेती का विस्तार नये क्षेत्र में करने पर लागत की राशि का 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। अनुदान राशि दो किश्तो में दी जाती है, प्रथम वर्ष में 75 प्रतिशत और शेष 25 प्रतिशत पौधा रोपन के दूसरे वर्ष में दिया जाता है।
इस कार्यक्रम की मेजबानी श्री नन्द किशोर, निर्देशक, उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार सरकार एवं डॉ० आदित्य जिलाधिकारी किशनगंज के द्वारा किया गया। कृषि विभाग से आमांशु सी० जैन संयुक्त निदेशक उद्यान, श्री प्रवीण कुमार झा, जिला कृषि पदाधिकारी, किशनगंज, श्रीमति रजनी सिन्हा, सहायक निदेशक उद्यान किशनगंज, श्री अजय कुमार, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण, श्रीमति पूजा शर्मा, तकनीकी सहायता दल प्रमुख, श्री कृष्णा कुमार प्रसाद, परियोजना निदेशक, आत्मा किशनगंज, श्री दिलीप कुमार वर्णवाल, सहायक निदेशक (रसायन) किशनगंज श्री सुरेन्द्र कुमार भारती, सहायक निदेशक अभियंत्रण, किशनगंज एवं श्री निरंजन कुमार, सदस्य तकनीकी सहायता दल ,चाय किसान राजकरण दफ्तरी,मनीष दफ्तरी, गोपाल अग्रवाल,बिजली सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।




