कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):
जिला प्रशासन पुलिस सहित अन्य विभागों में अफसर खुलेआम कमर्शियल की जगह प्राइवेट गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।दूसरों को नियमों की दुहाई देने वाले सरकारी अफसर खुद नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। जिसकी वजह से सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का घाटा हर महीने हो रहा है। जिले के अधिकांश अफसर अपने विभाग में प्राइवेट वाहनों का कमर्शियल उपयोग कर रहे हैं। जबकि परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार प्राइवेट वाहनों का उपयोग कमर्शियल के रूप में नहीं किया जा सकता है। बता दें कि डीएम नवदीप शुक्ला ने इस मामले में राज्य स्तर से निर्देश प्राप्त होने के बाद सभी विभागीय अफसरों को इस नियम का पालन करते हुए प्राइवेट वाहनों का कमर्शियल में रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया है।
इसके बावजूद अफसर वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अधिकांश सरकारी विभागों में स्थिति यथावत बनी हुई है।कलेक्ट्रेट स्थित सभी विभागों के अफसरों के अलावे शिक्षा,स्वास्थ्य, पुलिस विभाग सहित पचास से अधिक विभाग यहां तक कि परिवहन विभाग और प्रखंड अंचल सहित सभी प्रमुख विभागों में प्राइवेट वाहनों का इस्तेमाल कमर्शियल के रूप में किया जा रहा है। परिवहन विभाग भी इस मामले में कोई ठोस पहल नहीं कर रहा है। इस मामले में परिवहन विभाग के सचिव ने जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भी पत्र जारी करते हुए इस कार्य को प्राथमिकता के साथ कराने की बात कही है।इसके बावजूद इसपर अमल करना प्रशासनिक अफसर जरूरी नही समझते। जिला परिवहन पदाधिकारी रामबाबू ने कहा कि सभी सरकारी विभागों में चल रहे प्राइवेट वाहनों का कमर्शियल पंजीकरण कराने के लिए पत्र निर्गत किया गया है।