कटिहार :भूख ने श्रमिको को फिर घर छोड़ने पर किया मजबुर । हर दिन हो रहा है मजदूरों का पलायन

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रितेश रंजन

कटिहार में रोजगार की कमी के कारण रोटी के लिए होता है लाखों मजदूरों का पलायन,हम तो चले प्रदेश हम परदेशी हो गए ,छुटा ये घर बार हम परदेशी हो गए

हम मजदुरो को गाँव हमारे भेज दो सरकार ,शायद लॉक डाउन one के दौरान मजदुरो का ये दर्द अपनी व्यवथा खुद बयान कर रही थी ।लेकिन अब यही मजदूर फिर रोजी रोटी की तलाश में वापस अन्य शहर पंजाब लुधियाना राजस्थान की और लौट रहे है ।

स्टेशन पर टिकट कटाने के लिए कतार में लगे युवा

मजबूरी में हम तो मजदूरी करते है घर बार छोड़कर हम शहरों में भटकते है लोक डाउन के दौरान ये प्रवासी मजदूर फैक्ट्री बंद होने के बाद रोजी रोटी नही मिलने के कारण वापस लौटे थे ।लेकिन अब फिर यही मजदूर रोजी रोटी की तलाश में अन्य बड़े शहरों की और लौट रहे है । बिहार सरकार ने वादा किया था कि बाहर से आये सभी प्रवासी मजदुरो को बिहार में ही रोजगार दिया जाएगा ।

लेकिन ये दावे हवा हवाई ही साबित हुए न तो रोजगार मिला न कोरोना से मुक्ति सरकार चुनाव की तैयारी में व्यस्त है और मजदूर अपने रोजी रोटी की तलाश में , शायद इन मजबूर मजदुरो की यही नियति बन गयी है ।

एक और कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है जहाँ सरकार को इलाज के इंतजामात करनी चाहिए मजदुरो को अपने वादे के अनुसार उन्हें बिहार में ही रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए अब सरकार ने उन्हें अपने ही हाल पे छोड़ दिया है


बिहारी मजदूरों में पलायन का जो मुख्य कारण है शायद रोजी-रोटी की समस्या की है वरना क्यों जाए कोई अपना वतन छोड़कर (हम तो चले परदेस हम परदेसी हो गए छूटा अपना देश हम परदेसी हो गय) शायद यह गाना इन मजदूरों पर ही सही बैठती है जो इन दिनों कोरोना जैसी महामारी में महामारी के डर से घर की ओर आए ।लेकिन यहां एक माह का रोजगार नहीं मिल पाया पुनः वापस चले मजदूर स्थिति ऐसी है कभी उधर से भगाया जाता है तो कभी रोटी भगा देती है ।

कटिहार जिला के पिछड़े प्रखंडों में गिना जाता है बलरामपुर और बारसोई बारसोई को संसाधन तो है पर साधन की कमी ने इन दिनों पिछड़ेपन का आलम देखना है तो चले आ जाइए बारसोई रेलवे स्टेशन और इन मजदूरों के पलायन की दास्तां सुनिए और खुद निर्णय कीजिए आजादी से अब तक कितना विकास हुआ है ।

बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र का रोजगार की हकीकत और फसाना की कहानी की गाथा यह मजदूर आपको सुनाएंगे अपनी ही जुबानी ।

कटिहार :भूख ने श्रमिको को फिर घर छोड़ने पर किया मजबुर । हर दिन हो रहा है मजदूरों का पलायन