खोरीबाड़ी /चंदन मंडल
विद्या की देवी मां सरस्वती की प्रतिमाएं सोमवार को गाजे-बाजे के साथ नदी व तालाबों में विसर्जित की गई। खोरीबाड़ी में पूजा-अर्चना के बाद विभिन्न पूजा पंड़ालों से मां सरस्वती की प्रतिमाएं जुलूस के साथ विसर्जन के लिए निकाली गईं। विसर्जन जुलूस नदी के किनारे स्थित घाटों तथा तालाबों पर पहुंचा, जहां नम आंखों से मां सरस्वती की प्रतिमाएं विसर्जित की गई। पूरे दिन मां की प्रतिमाओं के विसर्जन का दौर चलता रहा। वहीं साल में एक बार आती है विद्या देकर जाती है, सरस्वती माता की जय आदि के जयकारे लगाते हुए तमाम शैक्षणिक संस्थानों में स्थापित मां शारदे की प्रतिमा का विसर्जन स्थानीय तालाबों तथा मेची नदी में किया गया। प्रतिमा के पीछे नाचते-गाते युवकों की टोली ने नदी में मूर्ति का विसर्जन किया।

विद्या की देवी मां सरस्वती की मूर्ति का विसर्जन परंपरागत ढंग से किया गया। मां सरस्वती की प्रतिमाओं का विसर्जन पूरे श्रद्धा व सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान युवकों की टोलियां गाजे-बाजे के साथ मूर्ति विसर्जन के लिए निकली। प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों व धार्मिक स्थलों सहित विभिन्न जगहों पर स्थापित की गई विद्या की अधिष्ठात्री मां सरस्वती की प्रतिमा का विसर्जन नदी व तालाबों में किया गया। वहीं डांगुजोत में भी गाजे बाजे के साथ जुलूस निकाल कर मां सरस्वती को नम आंखों से विदाई दी गयी। इस दौरान पूरा वातावरण मां सरस्वती के जयकारों से गूंज उठा ।
रविवार से शुरू हुआ प्रतिमाओं का विसर्जन सोमवार की देर रात तक चला। इस बीच युवकों की टोली डीजे की धुन पर थिरकते रहे और अबीर-गुलाल उड़ाकर भक्ति के सागर में गोता लगाते रहे। नदी व घाट मां के जयकारे से गूंजता रहा। प्रतिमा विसर्जन के दौरान कहीं से भी अप्रिय घटना के सूचना नहीं मिली हैं। जुलूस में उत्साही युवकों ने नृत्य करते प्रतिमा के साथ आगे बढ़ रहे थे।
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