पटना :राज्य सरकार अब स्कूलों में भी खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए अलग से राशि की व्यवस्था करने जा रही है ।सभी प्राथमिक विद्यालय को 5000 मध्य विद्यालय को 10000 और हाई स्कूल को ₹25000 की राशि का आवंटन किया है ।अब सरकारी स्कूलों में भी प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर बेहतर खेल का आयोजन विद्यालय प्रबंधन के द्वारा किया जा सकेगा। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के द्वारा राशि का आवंटन भी करने के लिए सभी जिला के डीपीओ को पत्र भेज दिया गया है ।इस पत्र के माध्यम से यह जानकारी दी गई है कि तमाम स्कूल अपने स्कूल प्रांगण में बड़े-बड़े खेल का आयोजन कर सकेंगे और खेलकूद की सामग्री की खरीदारी भी किया जा सकेगा।
इसमें तमाम स्कूल प्रबंधन के कमेटी सामग्री की खरीदारी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोशिश है कि सभी स्कूलों में भी बेहतर तरीके से खेल कूद का आयोजन हो सके ।वही खेलकूद की सामग्री नहीं होने से बिहार के सरकारी स्कूलों में खेलकूद की व्यवस्था ठीक नहीं है ।वैसे ही में सरकार ने राशि का आवंटन किया है ।जिसके माध्यम से खेलकूद की सामग्री की खरीदारी भी की जा सकेगी। प्राथमिक विद्यालय में 5000 मध्य विद्यालय में 10,000 और हाईस्कूल में ₹25000 की राशि की व्यवस्था रखी गई है। काफी दिनों से मांग हो रही थी कि सरकारी स्कूलों में भी खेल के आयोजन हो ताकि खिलाड़ी राज्य का मान सम्मान बढ़ाएं ।
इसी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग के विभागीय समीक्षा हुई थी जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि अब सरकारी स्कूलों को भी अलग से खेलकूद के आयोजन के लिए राशि का आवंटन किया जाएगा ।इसी कड़ी में आज बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के द्वारा पत्र भी सभी डीपीओ जारी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी प्रखंड में स्टेडियम सभी पंचायतों में भी खेल मैदान सहित अन्य तरह की योजनाओं को धरातल पर लागू कराने के लिए लगातार अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते रहे हैं। लेकिन अभी भी ग्रामीण स्तर पर किसी भी तरह के बड़े खेल के आयोजन नहीं होने से वहां के छात्र बड़े-बड़े खेल के आयोजन में भाग लेने से वंचित रह जाते हैं और इसका मलाल लगातार ग्रामीण स्तर के स्कूली छात्रों को भी रहता रहा है। लेकिन अब अलग से राशि के आवंटन होने से खेलकूद की सामग्री भी खरीदारी की जा सकेगी और खेल का आनंद उठा सकेंगे, जिससे उनका शारीरिक विकास और भी बेहतर होगा ।हालाकि स्कूल प्रबंधन इस राशि का कितना सदुपयोग करता है यह देखने वाली बात होगी ।
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