श्रीमद् भागवत कथा हीं मनुष्य को भवसागर रुपी संसार सागर से लगा सकती है पार – पं• विश्वकान्ताचार्य महाराज

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कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):

जिले के नराँव गाँव में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा चल रही है जिसमे मुक्ति नगरी वाराणसी से पधारे भागवत्मणी, पुराणाचार्य पं०विश्वकान्ताचार्यजी महाराज ने कथा के दौरान कहा की श्रीमद्भागवत कथा हीं मनुष्य को भवसागर रुपी संसार सागर से पार लगा सकती है .

उन्होंने कहा की धर्रशास्त्र का कथन है कि धनवान ग्यानवान,सम्मानवान तो हरेक लोग बन सकते हैं,परन्तु धर्मवान तो तभी बना जा सकता है जब प्रत्यक्ष रूप से ठाकुर कि कृपा होगी. धर्म के मूल में तो केवल श्रीहरी बिराजमान रहते हैं,और कलिकाल में श्रीहरि का वास श्रीमद्भागवत महापुराण मे हीं बताया गया है.

भगवान की कथा हीं मनुष्य को भवसागर रुपी संसार सागर से कथारुपी नौका पर बिठाकर पार लगा सकती है. उक्त बातें मुक्ति नगरी वाराणसी से पधारे भागवत्मणी, पुराणाचार्य पं०विश्वकान्ताचार्यजी महाराज ने भभुआ जीले के नराँव गाँव में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में कही गई .जीव का परमधर्म है कि वह अपने नित्यनैमित्तिक कर्मों को करते हुवे धर्ममार्ग पर प्रशस्त रहने हेतु तथा भगवतानुरागी रहने के लिए एवं अपने जिवन के पाप ताप संताप को नष्ट करने हेतु कथा का श्रवणलाभ लेते रहना चाहिए. भगवान कि कथा केवल पृथ्वीवासियों को ही प्राप्त होती है .

जो कथा देवताओं को भी दुर्लभ है वही कथा हमलोग को सहजता से प्राप्त हो जाती है यह भगवान कि कृपा नहीं तो और क्या है. बब्बू तिवारी, भिट्कू तिवारी,अजीत तिवारी के अधक परिश्रम के फलस्वरूप प्रातःकाल में विहंगम जलयात्रा कि वृहद तैयारी कि गई थी प्रायः सभी ग्रामवासी माताएं, बहने सभी नवयुवक भी अपने शिर पे कलश लेकर चलते हुवे भावविभोर हो रहे थे. यह कथा 5/2/2022 से लेकर 12/2/2022 तक चलती रहेगी. प्रतिदिन संगीतमय कथा का रसास्वादन सायम् 3 भजे से 7 बजे तक किया जाता है ।
















श्रीमद् भागवत कथा हीं मनुष्य को भवसागर रुपी संसार सागर से लगा सकती है पार – पं• विश्वकान्ताचार्य महाराज

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