अब्दुल करीम
पहली बार असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम भी बंगाल में अपना दमखम दिखाने जा रही है। ओवैसी की एंट्री से ममता बनर्जी को यहां भी बिहार चुनाव वाला जैसी स्थिति का डर होने लगा है ।ममता बनर्जी खुल कर ओवेशी के खिलाफ बयान देने लगी है ।
TMC का आरोप है कि बीजेपी AIMIM को पैसे देकर अल्पसंख्यक वोट बंटवा रही है।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा होने के बाद अब सरगर्मी तेज हो गई है। इस बार का चुनाव कई मायनों में खास होने वाला है। एक तो बीजेपी पूरी ताकत से इस बार सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का मुकाबला करने को तैयार है, वहीं पहली बार असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम भी बंगाल में अपना दमखम दिखाने जा रही है। ओवैसी की एंट्री से ममता बनर्जी को यहां भी बिहार चुनाव वाले हाल का डर होने लगा है। TMC का आरोप है कि बीजेपी AIMIM को पैसे देकर अल्पसंख्यक वोट बंटवा रही है।
बंगाल में ममता बनर्जी अल्पसंख्यकों की पहली पसंद मानी जाती हैं। उनके समर्थन की बदौलत ही ममता दस साल से सत्ता में हैं। लेकिन इस बार AIMIM के बंगाल चुनाव में उतरने से सारे समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ओवैसी ममता के इसी खास वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं और इसका सीधा फायदा बीजेपी को होता नजर आ रहा है।
बंगाल में ध्रुवीकरण ने बढ़ाई ममता की टेंशन
बिहार चुनाव के नतीजों ने ओवैसी का आत्मविश्वास बढ़ाया है। उनकी पार्टी ने भले ही पांच सीटें जीती हों लेकिन महागठबंधन के वोट काटने की चर्चा सबसे ज्यादा रही। इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पहली बार आंध्र प्रदेश या तेलंगाना के बाहर AIMIM ने विधानसभा सीटें जीती थीं। लिहाजा ओवैसी और उनके कार्यकर्ता उत्साहित हैं और अब बंगाल पर नजरें गढ़ाए हुए हैं। दूसरी ओर बंगाल में बीजेपी के मजबूत होने के साथ ही धार्मिक आधार पर वहां ध्रुवीकरण भी तेजी से हो रहा है। ऐसे में ओवैसी की एंट्री ममता बनर्जी के लिए बड़ा सिरदर्द है।
इन सीटों पर चुनाव लड़ सकती है AIMIM
बंगाल की चुनावी राजनीति में अल्पसंख्यकों का प्रभाव बिहार से ज्यादा है और यह ममता का कोर वोटर भी माना जाता है। पश्चिम बंगाल में पहली बार चुनाव लड़ने जा रही एआईएमआईएम महत्वपूर्ण सीटों पर ही फोकस करेगी। माना जा रहा है कि ओवैसी की एआईएमआईएम मुस्लिम बहुल जैसे मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर दिनाजपुर और कुछ अन्य सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है और पार्टी द्वारा बिहार में जीते 5 विधायकों को उम्मीदवार चुनने एवं रणनीति बनाने की जवाबदेही भी सौंप दी गई है ।जिसके बाद बिहार aimim अध्यक्ष अख्तरूल ईमान सहित अन्य विधायक लगातार बंगाल का दौरा कर रहे है ।हालाकि अभी तक ओवेशी कितने सीटो पर चुनाव लडेंगे इसकी घोषणा उन्होंने नहीं की है। लेकिन सूत्रों की माने तो करीब 30 सीटो पर पार्टी उम्मीदवार उतार सकती है और अगर ऐसा होता है तो टीएमसी को सीधे सीधे इन सीटों पर नुकसान होगा क्योंकि उर्दू भाषी मुसलमानों की पहली पसंद ओवेशी हाल के दिनों में बन चुके है ।