बिहार : चचरी पुल के सहारे आवागमन को मजबुर है ग्रामीण , जान जोखिम में डाल कर करते है यात्रा

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खजूरबाड़ी घाट पर बनी चचरी पुल आवागमन का सहारा, आरसीसी पुल की मांग

किशनगंज/विजय कुमार साह

किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड के हवाकोल पंचायत अंतर्गत खजूरबाड़ी घाट स्थित रेतुआ नदी में बनी चचरी पुल यहाँ के लोगों के आगमन का एकमात्र सहारा है।बता दे कि यहां के लोगों के लिए नाव व चचरी पुल ही आवागमन का सहारा है।खजूरबाड़ी घाट में बनी चचरी पुल से रोजमर्रे के कामकाजी राहगीरों का आना जाना लगा रहता है।ज्ञात हो कि खजूरबाड़ी घाट होकर सैकड़ों लोग रोज साईकिल,मोटर साइकिल व पैदल यात्रा करने वालों राहगीरों चचरी पुल पार करने में अपनी जान हथेली में लेकर आवागमन कर रहें हैं।

चचरी पुल

आजादी के 73 साल बाद भी अबतक यहाँ पुल निर्माण नहीं हुआ।अबतक के विधानसभा, लोकसभा चुनाव में यहाँ आये प्रत्याशियों से पुल की मांग स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही है।फिर भी यहाँ के लोगों के लिए आवागमन की समस्या बरकरार है।इस ग्रामीण क्षेत्र में आवागमन की समस्या की सुधि लेने वाला कोई नहीं है।गौरतलब है कि इस घाट होकर कालियागंज,पलासी,  बहादुरगंज,टेढ़ागाछ सहित आस पास के दर्जनों गाँव के लोगों का आवागमन रोज हो रहा है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि जनप्रतिनिधि और प्रशासन से गुहार लगाते लगाते वो लोग थक चुके है कि यहां पुल निर्माण करवाया जाए।उसके बावजूद कोई ध्यान देने वाला नहीं है ।ग्रामीणों ने खजूरबाड़ी घाट में आरसीसी पुल निर्माण करने की मांग प्रशासन से की है।यहाँ पुल निर्माण होने से खजूरबाड़ी,गम्हरिया,बभनगामा, गढ़ीटोला, पुरन्धा,कास्त खर्रा,कुवाड़ी,बेलटोली,टेकनी सहित दर्जनों गाँव के लोगों का आवागमन सुलभ होगा।

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बिहार : चचरी पुल के सहारे आवागमन को मजबुर है ग्रामीण , जान जोखिम में डाल कर करते है यात्रा

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